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सोशल डिस्टेंसिंग के उल्लंघन पर बजेगा अलार्म, छात्र ने बनाई मशीन - कोविड-19 महामारी

राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से इसी साल सम्मानित हुए पार्थ बंसल ने सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर मशीन बनाई है. पार्थ बंसल एपीजे स्कूल में कक्षा 12वीं के छात्र हैं. उन्होंने अल्ट्रासोनिक सेंसर मशीन बनाई है.

सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होते ही बजेगा अलार्म
सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होते ही बजेगा अलार्म

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Published : May 12, 2020, 8:45 AM IST

नोएडा:कोविड-19 महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग सबसे कारगर उपाय साबित हो रहा है. इसे पूरी दुनिया में तेजी से अपनाया भी जा रहा है. यही वजह है कि देशभर में लॉकडाउन में लोगों से सामाजिक दूरी का पालन करने के लिए कहा जा रहा है, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना उस वक्त मुश्किल हो जाता है जब आप लाइन में खड़े हों.

सोशल डिस्टेंसिंग खत्म होते ही बजेगा अलार्म

नोएडा के एपीजे स्कूल के छात्र पार्थ बंसल ने लॉकडाउन के समय में एक ऐसा उपकरण तैयार किया है, जिसे पहनकर लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सकते हैं. पार्थ ने हाथों में पहनने वाली मशीन बनाई है जो एक मीटर की दूरी न होने पर आपको अलर्ट कर देगा कि आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं.

12वीं के छात्र हैं पार्थ बंसल

बता दें कि राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से इसी साल सम्मानित हुए पार्थ बंसल एपीजे स्कूल में कक्षा 12वीं के छात्र हैं. पार्थ बंसल ने कम उम्र में ही कई ऐसी चीजें बनाई हैं. उनका नवीतम आविष्कार है अल्ट्रासोनिक सेंसर से बनाई गई मशीन है.

इस मशीन को हाथों में पहनने के बाद अगर किसी व्यक्ति के एक मीटर के दायरे में कोई मनुष्य आएगा तो वह अलार्म बजने लगेगा और इससे व्यक्ति सावधान हो जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सही तरह कर सकेगा.

पार्थ का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान ही वह एक दिन घर के लिए जरूरी सामान लेने गए तो देखा कि लोग सामाजिक दूरी का पालन करने की कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन उन्हें दूरी का सही अंदाजा नहीं हो पाता है, इसलिए उन्होंने ऐसा उपकरण बनाने का सोचा और एक दिन में इसे तैयार भी कर लिया. एक उपकरण की लागत 600 से 700 रुपये है.

'फायदेमंद साबित हो सकती है मशीन'
पार्थ बंसल का कहना है कि अपने इस आविष्कार को 'इग्नाइट अवॉर्ड' के साथ साझा कर चुके हैं और वहां से मंजूरी मिलने पर इसे बाजारों में भी लाया जा सकेगा. पार्थ कहते हैं कि इसे बनाना काफी आसान है. बाजार और सड़कों पर तैनात कर्मचारियों के लिए यह फायदेमंद साबित हो सकता है.

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