नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पेपरलेस वर्क शुरू कर दिया है. ये प्राधिकरण का डिजिटल इंडिया की तरफ एक सराहनीय कदम है. धूल की मोटी फाइलों के बजाय अब कंप्यूटर स्क्रीन पर ही फाइल पहुंचेगी. अधिकारी कंप्यूटर पर ही फाइल को अप्रूव करेंगे. दावा है कि प्रदेश में पहली बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी लागू हुआ है. ऐसे में फाइलें ढूढ़ने का झंझट, फाइल लटकने और गुम होने जैसे मामले कम हो सकेंगे.
ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी से नहीं गुम होगी फाइल, पेपरलेस वर्क की हुई शुरुआत
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में पेपरलेस पहल की शुरुआत कर दी गई है. प्रदेश में पहली बार ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी लागू हुआ है. इसके संचालन के लिए अथॉरिटी ने निजी कंपनी टेक महिंद्रा को ये काम सौंपा है. इस काम में तकरीबन 60 करोड़ तक खर्चा आएगा.
ईआरपी सिस्टम के तहत व्यवस्था शुरू
ईआरपी (इंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग) सिस्टम के तहत पेपरलेस व्यवस्था शुरू की गई है. इसके संचालन के लिए अथॉरिटी ने निजी कंपनी टेक महिंद्रा को ये काम सौंपा है. इस काम में तकरीबन 60 करोड़ तक खर्चा आएगा. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ईआरपी सिस्टम का पहला चरण शुरू हो गया है. प्राधिकरण ने अब पेपरलेस वर्क कल्चर की ओर कदम बढ़ाया है.
डिजिटल हस्ताक्षर करेंगे अधिकारी
अब हर फाइलों को डिजिटल रूप में अफसरों तक पहुंचाया जाएगा, अधिकारी उस पर डिजिटल हस्ताक्षर ही करेंगे. डिजिटल फाइलों में गड़बड़ी की आशंका बेहद कम हो जाएगी. फर्जी हस्ताक्षर कर आदेश जारी करने जैसे मामले भी कम होंगे. फाइल को फाइनल करने से पहले संबंधित अधिकारी के पास ओटीपी आएगा. उस ओटीपी को सिस्टम में इंटर करने के बाद ही डिजिटल हस्ताक्षर हो पाएंगे.