नोएडा: गौतमबुद्ध नगर में कमिश्नरी शासन जारी किए हुए आठ महीने हो गए हैं. इसके बावजूद भी जिले के सभी थानों में हजारों रुपये की लागत से लगे जनरेटर की तरफ किसी का भी ध्यान नहीं गया. सालों से नया जनरेटर थानों पर रखा हुआ है, जो अब कबाड़ की स्थिति में तब्दील हो गया है. थाने के ज्यादातर काम ऑनलाइन किए जा रहे हैं और बिजली जाने के बाद सारे काम ठप हो जाते हैं.
गौतमबुद्ध नगर: 22 थानों में बदहाल पड़े जनरेटर, प्रशासन बेखबर - gautambudh nagar news
गौतमबुद्ध नगर में यू तो कमिश्नरी शासन जारी हुए आठ महीने हो गए हैं, लेकिन आज भी यहां के थानों में जनरेटर की स्थिति बद से बदतर है. ऐसे में थानों में हो रहा ऑनलाइन काम भी ठप हो रहा है. संबंधित विभाग को इस समस्या की शिकायत की गई, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं गया.
सालों से खराब पड़े जनरेटर
गौतमबुद्ध नगर के 22 थानों में जनरेटर की बदहाल स्थिति के कारण सारे काम ठप पड़े हुए हैं. यह समस्या लंबे समय से बनी हुई है, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में प्रतिदिन लाइट की समस्या का सामना करना पड़ता है. थानों पर रखे गए जनरेटर की स्थिति यह है कि जिस दिन आया उसी दिन से वो धूप, बरसात और धूल खा रहा है. सालों से खराब और कबाड़ की स्थिति में पहुंचे जनरेटर में इस्तेमाल होने वाला तेल और मेंटेनेंस पर कोई काम करना नहीं चाहता.
शिकायत के बाद नहीं मिला समाधान
थानों पर कबाड़ की स्थिति में तब्दील हुए जनरेटर के संबंध में अगर पुलिस सूत्रों की माने तो जरनेटर खराब होने की सूचना की रिपोर्ट कई बार संबंधित अधिकारियों को दी गई है, लेकिन उनके कान पर जू तक नहीं रेंगी. प्रतिदिन उसमें इस्तेमाल होने वाले डीजल से लेकर मेंटेनेंस की जानकारी भी दी गई, लेकिन न कोई सही कराने आया और न ही कोई पूछने आया. अब देखना ये होगा आखिर कब तक थानों में जनरेटर की हालत ऐसे ही बदहाल पड़ी रहेगी.