नोएडा:लॉकडाउन के तीसरे फेज में प्रवासी मजदूरों का पलायन लगातार जारी है. धीरे-धीरे इनकी संख्या में बढोतरी हो रही है. इस बीच गौतमबुद्ध नगर में फंसे 51 जिलों के छात्रों को बसों के माध्यम से उनके घरों तक छोड़ा गया. वहीं 1,465 प्रवासी मजदूरों को उनके गृह राज्य राजस्थान भेजा गया. अब जिला प्रशासन देश के 19 राज्यों के रहने वाले लोगों की सूची तैयार करने में जुटा हुआ है.
जिले के सभी थानों के माध्यम से प्रवासी गौतमबुद्ध नगर जिले से अपने घर जाना चाहते हैं. प्रशासन द्वारा उन्हें भेजने का काम बहुत जल्द शुरू किया जाएगा. अभी थानों के माध्यम से प्रदेश और उसके जिले में जाने वाले लोगों की सूची तैयार की जा रही है.
19 प्रदेशों के लोग जाएंगे घर
गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने देश के 19 राज्यों की लिस्ट तैयार की है, जिसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है. इन सभी प्रदेशों के किन-किन जिलों में यहां से जाने वाले प्रवासी लोग हैं, इसकी भी सूची तैयार की जा रही है. प्रशासन द्वारा यह सूची जिले के सभी 22 थानों के माध्यम से तैयार की जा रही है. सभी थाने अपने क्षेत्र की पुलिस चौकियों के माध्यम से सूची तैयार कर रहे हैं. पुलिस स्थानीय मकानों में किराए पर रह रहे लोगों के नाम, पते और मोबाइल नंबर लेने का काम कर रही है.
प्रशासन द्वारा चिन्हित राज्य
औद्योगिक नगरी कहे जाने वाले नोएडा शहर में देश के विभिन्न राज्यों और जिलों से लोग आकर मजदूरी करते हैं. इस लॉकडाउन के दौरान उनकी बढ़ती हुई समस्याओं और घर जाने के लिए पलायन करते मजदूरों की समस्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने उन्हें उनके घर भेजने को फैसला लिया है. इसके लिए 19 राज्यों के प्रवासियों और मजदूरों को भेजने का निर्णय लिया गया है. इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, जम्मू और कश्मीर, गुजरात, महाराष्ट्र, असम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, कोलकाता शामिल हैं. इस दौरान नेपाल देश को भी लिया गया है.
कैसे भेजेगा प्रशासन
लॉकडाउन के दौरान विभिन्न राज्यों और उन राज्यों के विभिन्न जिलों में प्रवासियों को भेजने के लिए जिला प्रशासन जहां सूची तैयार कर रहा है, वहीं प्रशासन के सूत्रों की माने तो उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को प्रशासन बस के माध्यम से भेजने का काम करेगा. वहीं उत्तर प्रदेश के आसपास के राज्यों में भी बसें भेजी जाएंगी पर जो राज्य उत्तर प्रदेश से काफी दूरी पर हैं, उन राज्यों में प्रवासी मजदूरों को ट्रेन के माध्यम से भेजा जाएगा. यह भेजने का काम कब पूरा होगा या कब शुरू होगा ये अभी किसी भी अधिकारी द्वारा बताया नहीं गया है.