नई दिल्ली/नोएडा:करोड़ों रुपये के होमगार्ड वेतन घोटाले में होमगार्ड के मंडलीय कमांडेंट और सहायक जिला कमांडेंट समेत पांच लोगों की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. गिरफ्तार लोगों में तीन प्लाटून कमांडर भी शामिल है. शुरुआती जांच में सिर्फ गौतमबुद्ध नगर में 4 करोड़ से अधिक का घोटाला उजागर हुआ है. वहीं कमांडेंट के दफ्तर में मस्टररोल में लगी आग की जांच की जा रही है और गिरफ्तार लोगों को भी जांच के दायरे में रखा गया है.
एसएसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी
नोएडा के सेक्टर 14 ए स्थित पुलिस कंट्रोल रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि 17 जुलाई को एक होमगार्ड ने उन्हें शिकायत पत्र देकर होमगार्ड की ड्यूटी के बाबत फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने की जानकारी दी थी. उस मामले की जांच एसपी सिटी विनीत जयसवाल को सौंपी गई. मई-जून के महीने में 2019 के सात थानों और राजकीय संप्रेषण गृह में होमगार्ड की ड्यूटी की सैंपल तौर पर जांच की गई. जिसमें 2 माह में लगभग 114 होमगार्ड का 1327 दिन का वेतन 7 लाख 7 हजार 500 सौ रुपये का फर्जी मस्टररोल तैयार कर वेतन निकालने का सच सामने आया.
पांच लोग गिरफ्तार
एसएसपी ने बताया कि अब तक की जांच के आधार पर 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार किए गए लोगों में मंडली कमांडेंट अलीगढ़ राम नारायण चौरसिया, जिला सहायक कमांडेंट सतीश चंद्र के अलावा तीन अवैतनिक प्लाटून कमांडर मोंटू कुमार, शैलेंद्र कुमार और सत्यवीर यादव शामिल है.
फर्जीवाड़े का हुआ खुलासा
एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों से पूछताछ और दस्तावेजों की जांच में यह बात सामने आई है कि होमगार्ड विभाग में बीते कई वर्षों से यह हेराफेरी चल रही थी. इसमें तत्कालीन जिला कमांडेंट राज नारायण चौरसिया की सहमति थी. जिला कमांडेंट के निर्देश में अवैतनिक प्लाटून कमांडर थानों में तैनात होमगार्डों के फर्जी मस्टररोल तैयार करते थे. इसके बाद थाना प्रभारी व अन्य स्टाफ के फर्जी हस्ताक्षर और मोहर लगाकर मस्टररोल पर जिला कमांडेंट से अनुमोदन कराकर भुगतान ले लेते इसमें सभी का हिस्सा तय था.