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नोएडा: टाइम्स स्क्वायर हाउसिंग प्रोजेक्ट में तीसरे पक्ष से करार पर HC की रोक - delhi news

नोएडा के अजनारा ग्रुप और उसकी सहयोगी कंपनियों को अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट टाइम्स स्क्वायर में किसी भी तीसरे पक्ष से कोई करार करने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है.

दिल्ली हाईकोर्ट.
दिल्ली हाईकोर्ट.

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Published : Sep 18, 2020, 2:51 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने नोएडा के अजनारा ग्रुप और उसकी सहयोगी कंपनियों को अपने हाउसिंग प्रोजेक्ट टाइम्स स्क्वायर में किसी भी तीसरे पक्ष से कोई करार करने पर अंतरिम रोक लगा दी है. दरअसल अजनारा ग्रुप पर आरआर बिल्डटेक ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने ये आदेश जारी किया है.

टाइम्स स्क्वायर हाउसिंग प्रोजेक्ट में तीसरे पक्ष से करार पर HC की रोक.

'आरआर बिल्डटेक से लिए थे 34 करोड़ रुपये'
इस मामले में याचिका आरआर बिल्डटेक ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील विजय अग्रवाल ने कहा कि अजनारा इंडिया ने 2015 में नोएडा की भूमि को डेवलप करने के लिए आरआर बिल्डटेक से 34 करोड़ रुपये लिए थे. अजनारा ने ये रकम लेने के बावजूद टाइम्स स्क्वायर प्रोजेक्ट के लिए कोई काम शुरू नहीं किया.

उन्होंने कहा कि अजनारा इंडिया ने टाइम्स स्क्वायर की भूमि को पंजाब नेशनल बैंक के यहां गिरवी रखकर 45 करोड़ रुपये का होम लोन लिया है, जबकि उस भूमि का बाजार मूल्य 140 करोड़ रुपये के करीब है.

बिना सहमति के भूमि गिरवी रखने का आरोप
विजय अग्रवाल ने कहा कि अजनारा इंडिया ने आरआर बिल्डटेक के साथ जो करार किया था, उसके तहत आरआर बिल्डटेक का टाइम्स स्क्वायर प्रोजेक्ट पर 45 फीसदी हिस्सेदारी है. इसके बावजूद बिना आरआर बिल्डटेक की सहमति के उसे पंजाब नेशनल बैंक को गिरवी रख दिया गया, जो कि समझौते का उल्लंघन है. वहीं जब पंजाब नेशनल बैंक ने 45 करोड़ रुपये का लोन अजनारा इंडिया को दिया तो उसमें से केवल 10 करोड़ रुपये ही दोनों की कंपनियों के लिए रखा गया जबकि 35 करोड़ रुपये अजनारा इंडिया ने खुद रख लिए.

प्रोजेक्ट के लिए 7468 स्क्वायर मीटर भूमि
आरआर बिल्डटेक का कहना है कि अजनारा ग्रुप पंजाब नेशनल बैंक का लोन भी डिफॉल्ट कर सकती है. ऐसे में टाइम्स स्क्वायर की भूमि बैंक के पास जा सकती है. नोएडा के टाइम्स स्क्वायर प्रोजेक्ट के लिए 7468 स्क्वायर मीटर भूमि पर काम होना है. कोर्ट ने अजनारा इंडिया से पूछा कि 'आप पर जो आरआर बिल्डटेक का पचास करोड़ 51 लाख रुपये का बकाया है, उसे क्यों न वसूला जाए.'

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