नोएडा: प्रदूषण के बढ़ते स्तर को रोकने के लिए सरकार कई कदम तो उठा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी हर दिन प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है. ऐसा ही नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हो रहा है. संयुक्त रूप से कार्ययोजना बनाने के बाद भी जिले भर में कूड़ा जलाने से लेकर निर्माण स्थलों पर ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के नियमों का उल्लंघन बदस्तूर जारी है. ऐसे में हवा जहरीली होने से लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. नोएडा और ग्रेटर नोएडा एयर क्वालिटी इंडेक्स 'रेड जोन' में है. सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक ग्रेटर नोएडा का AQI 482 और नोएडा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 480 के पार है.
ग्रेटर नोएडा में दर्ज AQI
सेंट्रल पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) की वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली से भी ज़्यादा प्रदूषित ग्रेटर नोएडा है. ग्रेटर नोएडा में दो स्टेशन यूपीपीसीबी ( उत्तर प्रदेश पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड) ने लगाए हैं. जिसमें नॉलेज पार्क-III में एयर क्वालिटी इंडेक्स 475 और नॉलेज पार्क-V का एयर क्वालिटी इंडेक्स 490 दर्ज किया गया है. ग्रेटर नोएडा में औद्योगिक इकाइयां और कंस्ट्रक्शन साइट ज्यादा संख्या में हैं. ऐसे में ग्रुप के नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए अथॉरिटीज को सुनिश्चित कराना होगा, ताकि लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण पर प्रभावी रूप से रोकथाम की जा सके.