ग्रेटर नोएडा: प्रस्तावित फिल्म सिटी की साइट को देखने के लिए अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ग्रेटर नोएडा पहुंचे. उन्होंने परियोजना से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं जल्द पूरे करने के निर्देश दिए. यमुना एक्सप्रेस वे पर सेक्टर 21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी को मंजूरी के मिलने बाद यमुना एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) युद्ध स्तर पर परियोजना पर कार्रवाई करने में जुटा हुआ है.
फिल्म सिटी की साइट देखने पहुंचे ACS अवनीश अवस्थी. शासन भी इस योजना में दिलचस्पी ले रहा है. इसी के अंतर्गत यमुना एक्सप्रेस वे पर सेक्टर 21 में प्रस्तावित फिल्म सिटी की साइट को देखने के लिए उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी रविवार की सुबह ग्रेटर नोएडा पहुंचे और अफसरों ने पूरे इलाके का दौरा किया. वहां उन्होंने अधिकारियों को परियोजना से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं जल्द पूरा करने का निर्देश दिया.
फिल्म सिटी के बनने से किसान हैं खुश
अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी के साथ YEIDA के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह और बाकी अफसरों ने पूरे इलाके का दौरा किया और सेक्टर 21 में एक हजार एकड़ में प्रस्तावित फिल्म सिटी की मौजूदा स्थिति को देखा. अवनीश अवस्थी ने YEIDA अधिकारियों को फिल्म सिटी प्रोजेक्ट पर जल्द से जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए.
अवनीश अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि परियोजना से जुड़ी जरूरी औपचारिकताएं जल्द ही पूरी कर ली जाएं. ताकि आने वाले समय में फिल्म जगत से जुड़ी टीम दौरा करने के लिए आए तो उनके सामने प्रस्तावित फिल्म सिटी का खाका पेश किया जा सके.
'प्राधिकरण ने फिल्म सिटी के लिए शुरू की तैयारी'
YEIDA के सीईओ अरुण सिंह ने बताया कि प्रोजेक्ट का काम तेजी से किया जा रहा है. जमीन लेने वालों पर 2 शर्तें अलग से लागू की जाएंगी. पहली शर्त, पजेशन मिलने के 5 साल के भीतर प्लॉट पर उद्योग को चालू करना होगा. दूसरी शर्त यह है कि आवंटित 10 साल तक प्लॉट बेच नहीं सकेंगे. आवंटन के 5 साल के भीतर उद्योग चालू न होने पर आवंटन को रद्द कर दिया जाएगा और आवंटी का सारा पैसा जब्त कर लिया जाएगा. हालांकि अगर आवंटी को उद्योग न शुरू होने की ठोस वजह बताता है तो उसे एक साल का अतिरिक्त समय दिया जा सकता है.
सीईओ अरुण सिंह का कहना है कि नोएडा में बनाई गई फिल्म सिटी की जो हालत है, उसे देखते हुए ये दो शर्तें अलग से लागू की गई हैं. ताकि उद्योग स्थापित करने वाले लोग यहां प्लॉट लें. इन शर्तों के तहत इस क्षेत्र में निवेश करना होगा और उससे रोजगार के अवसर पैदा हो सकेंगे. उन्होंने कहा कि लोग भूमि आवंटन कराने के कुछ दिन बाद मुनाफा कमाने के लिए बेच देते हैं. इससे इंडस्ट्रीज नहीं लग पाती हैं. यही वजह है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में इंडस्ट्री के भूखंड खाली पड़े हैं.