फिरोजाबाद:जनपद से इंसानियत को तार-तार कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां 33 सालों से बंधक बनकर अमानवीयता का दंश झेलने वाली महिला को आखिरकार एक सामाजिक संगठन ने मुक्त कराया है. लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस महिला को बंधक बनाकर रखने वाले और कोई नहीं बल्कि उसके पिता थे, जिन्होंने उसे कमरे की चार दीवारी में सालों-साल कैद रखा. एक ही जगह खाना और शौच के लिए मजबूर भी किया.
दरअसल, फिरोजाबद के टूंडला तहसील के गांव मोहम्मदाबाद (Village Mohammadabad of Tundla Tehsil) की रहनी वाली इस पीड़ित महिला का नाम सपना है, जो लगभग 18 साल की होगी. जब उसे अमानवीयता का दंश झेलने पड़ा. कहा जाता है कि उस वक्त सपना की मानसिक हालत ठीक नही थी. परिजनों ने सपना का इलाज कराने की बजाय उसे एक कोठरी में बंद कर दिया और बेड़ियों में बांध दिया. इतना ही नहीं परिजन उसके साथ अमानवीय व्यवहार भी करते थे. हद तो तब गई, जब सपना को एक ही जगह खाना और शौच के लिए मजबूर भी किया.