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झोपड़ी में घुसी अनियंत्रित कार, देवर-भाभी घायल

फिरोजाबाद जिले के टूण्डला थाना क्षेत्र के अंतर्गत एक अनियंत्रित कार सड़क किनारे बनी झोपड़ी में घुस गई (Uncontrolled Car Entered Roadside Hut). इस हादसे में एक गर्भवती महिला और उसका देवर गंभीर रूप से घायल हो गए.

झोपड़ी में घुसी अनियंत्रित कार
झोपड़ी में घुसी अनियंत्रित कार

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Published : Aug 4, 2021, 3:07 PM IST

फिरोजाबाद :सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद सड़क हादसा (Road Accident) रुकने का नाम नहीं ले रहा. ताजा मामला जिले के टूण्डला थाना क्षेत्र का है. यहां एक तेज रफ्तार अनियंत्रित कार सड़क किनारे बनी झोपड़ी में जा घुसी (Uncontrolled Car Entered Roadside Hut).

इस हादसे में एक गर्भवती महिला और उसका देवर गंभीर रूप से घायल हो गए. मौके पर पहुंची पुलिस ने घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ड्राइवर कार को जिस तरह से लहरा रहा था उससे ऐसा लग रहा था कि वह नशे में रहा होगा.

बता दें टूण्डला थाना क्षेत्र में गांव उसायनी के पास कई झुग्गी झोपड़ियां हैं. यहां रहने वाले कुछ लोग मूर्तियां बनाने का काम करते हैं. वहीं कुछ लोहार समाज के हैं. इन्हीं झोपड़ियों में से एक झोपड़ी नीलम नाम की महिला की भी है.

सुबह करीब आठ बजे नीलम कुछ काम कर रही थी. इसी दौरान एक अनियंत्रित स्कार्पियो गाड़ी इस झोंपड़ी में जा घुसी. हादसे में गर्भवती नीलम और उसके देवर सोनू को तो गंभीर चोटें आयीं हैं. सोनू के दोनों पैरों में फ्रैक्चर बताया जा रहा है.

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दुर्घटना के बाद स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गयी. लोगों का कहना है कि जब गाड़ी को रोकने का प्रयास किया गया तो कार चालक ने वहां मौजूद लोगों पर भी गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की.

इसके बाद चालक गाड़ी को लेकर फरार हो गया. गाड़ी में छह लोग सवार बताए जा रहे हैं. सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों घायलों को जिला अस्पताल भिजवाया.

स्थानीय लोगों का कहना है कि गाड़ी चालक जिस तरह से गाड़ी को लहराकर चला जा रहा था, उससे ऐसा लगता है कि वह नशे में था. इस संबंध में थाना टूण्डला प्रभारी विनय कुमार मिश्र का कहना है कि एक्सीडेंट की जानकारी मिलने पर राजा का ताल पुलिस चौकी की पुलिस मौके पर गयी थी. सभी घायलों को जिला अस्पताल भेजा गया है. गाड़ी की तलाश की जा रही है.

बता दें कि उत्तर उत्तर प्रदेश लोक निर्माण विभाग की तरफ से तमाम दावे किए जाते हैं कि उनके प्रयासों से सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा रहा है. बेहतर रोड नेटवर्क लोगों को उपलब्ध कराया जा रहा है.

मगर, प्रयास उस स्तर पर नहीं हो रहे हैं जिससे सड़क दुर्घटनाओं को कम किया जा सके. आंकड़ें हैरान कर देने वाले हैं. प्रदेश में औसतन हर एक घंटे में तीन लोग सड़क हादसों की वजह से दम तोड़ रहे हैं.

पिछले साल 23 हजार लोगों की हुई है मौत

साल 2020 में एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में सिर्फ सड़क हादसों की वजह से 23 हजार 285 लोगों की मौत हुई है. जो देश में सड़क हादसों से कुल मौतों का 15% है. इसके बाद महाराष्ट्र जैसे अन्य राज्यों के आंकड़े हैं. उत्तर प्रदेश का यह आंकड़ा दावों की हकीकत बयां करने के लिए काफी है. बेतरतीब वाहनों की रफ्तार और एक्सपर्ट ड्राइविंग न होने की वजह से सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. कई बार सड़कों पर गड्ढे या अन्य तरह के डिवाइडर कट आदि की वजह से भी सड़क दुर्घटनाएं होती हैं.

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