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टूंडला विधानसभा सीट : बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच दिलचस्प होगा आगामी Assembly Election 2022

इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या तीन लाख 71 हजार 974 है. राजनीति समीकरण की बात करें तो वैसे तो इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा. बीते दो दशकों में यहां सपा, बसपा और बीजेपी तीनों की पार्टियों के प्रत्याशी जीते.

टूंडला विधानसभा सीट : बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच दिलचस्प होगा आगामी विधानसभा चुनाव
टूंडला विधानसभा सीट : बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच दिलचस्प होगा आगामी विधानसभा चुनाव

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Published : Sep 16, 2021, 9:47 AM IST

Updated : Sep 16, 2021, 10:01 AM IST

फिरोजाबाद :फिरोजाबाद की टुंडला विधानसभा सीट काफी संवेदनशील माना जाती है. यहां लंबे समय तक किसी भी एक पार्टी का दबदबा नहीं रह पाया है. एक-दो चुनावों के बाद कोई न कोई दूसरी विचारधारा या दल यहां काबिज हो जाता है. ईटीवी भारत द्वारा आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर इस विधानसभा की डेमोग्राफी जानने की कोशिश की गई. एक रिपोर्ट..

फिरोजाबाद जिले के टूंडला विधानसभा सीट अनुसूचित जाति के लिए सुरक्षित है. इस विधानसभा क्षेत्र पर फिलहाल भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. प्रेम पाल धनकर इस सीट पर मौजूदा विधायक हैं. इन्होंने साल 2020 में हुए उप चुनाव में समाजवादी पार्टी के महाराज सिंह धनगर को हराकर जीत का परचम लहराया था. इससे पहले विधानसभा के जो आम चुनाव हुए थे साल 2017 में केंद्र सरकार राज्यमंत्री विधि और न्याय, एसपी सिंह बघेल यहां से जीतकर विधायक बने थे. यूपी सरकार में पशुपालन मंत्री भी रहे.

इस सीट पर कुल वोटरों की संख्या तीन लाख 71 हजार 974 है. राजनीति समीकरण की बात करें तो वैसे तो इस सीट पर किसी एक दल का कब्जा नहीं रहा. बीते दो दशकों में यहां सपा, बसपा और बीजेपी तीनों की पार्टियों के प्रत्याशी जीते. साल 2002 में इस सीट पर हुए चुनाव में जहां सपा के मोहनदेव शंखबार चुनाव जीतकर विधायक बने तो वहीं साल 2007, 2012 में बसपा के राकेश बाबू चुनाव जीते. साल 2017 में बीजेपी ने यह सीट बसपा से छीनी और एसपी सिंह बघेल यहां से जीते और मंत्री भी बने लेकिन एसपी सिंह बघेल आगरा से सांसद चुन गए.

इसकी वजह से यह सीट खाली हो गयी. साल 2020 में यहां उप चुनाव हुआ और बीजेपी ने यहां अपना कब्जा बरकरार रखा. बीजेपी नेता प्रेमपाल धनगर यहां से चुनाव जीतकर विधायक बने. प्रेमपाल धनगर ने 72 हजार 84 वोट पाकर सपा के महाराज सिंह धनगर को 17 हजार 216 वोटों से हराया था. उन्हें 54 हजार 868 वोट मिले थे जबकि बीएसपी के संजीव चक को 40 हजार 635 वोट मिले थे.

यह भी पढ़ें :UP Assembly Election 2022 : आम आदमी पार्टी ने जारी की 100 विधानसभा सीटों के प्रत्याशियों की सूची

टूंडला विधानसभा की जनता ने ज्यादातर राजनीतिक दलों के नेताओं को विधायक चुनकर सेवा का मौका दिया लेकिन वह जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर सके है. इस इलाके में ऐसी कई समस्याएं हैं जिन्हें विधायक भी हल नहीं करा सके.

बदलते राजनीतिक समीकरणों के बीच दिलचस्प होगा आगामी विधानसभा चुनाव

टुंडला विधानसभा सीट पर एक नजर

3,71,974: मतदाता

2,01,475: पुरुष मतदाता

1,70,499: महिला मतदाता

सबसे बड़ी समस्या यहां पर खारे पानी की है जो कई दशकों से है लेकिन वह समस्या अभी भी जस की तस बनी हुई है. इस इलाके के करीब 40 से 50 गांव ऐसे हैं जहां का पानी इस कदर खारा और फ्लोराइड युक्त है. इसे पीने के बाद लोग बीमार पड़ जाते हैं. खारे पानी की समस्या चुनाव में मुद्दा भी बनती है लेकिन आज तक उसका कोई हल नहीं हुआ.

कुछ गांव में पानी की टंकियां जरूर बनवाई गईं लेकिन उनकी मरम्मत न होने से समस्या जस की तस बनी हुई है. इस इलाके में सिंचाई की भी समस्या है. खारे पानी से जहां फसलें खराब हो जाती है वही इस इलाके में भूगर्भ जल स्तर इस कदर गिर गया है कि यह पूरा इलाका डार्क एरिया घोषित हो गया है.

डार्क एरिया का मतलब यह होता है कि यहां पर कोई नया ट्यूबवेल नहीं लगाया जा सकता है. इसके अलावा यहां जो बंबा, रजवाह और नहरें हैं, वह सब सूखे पड़े हैं. हाथरस माइनर में तो बीते दो दशक से पानी नहीं है. यह माइनर भी चुनाव के दौरान मुद्दा बनता है लेकिन पानी आज तक नहीं आया. कभी-कभी किसान जब आंदोलन करते हैं तो कुछ समय के लिए इस माइनर के थोड़े से हिस्से में पानी छोड़ दिया जाता है. बाद में वह भी बंद हो जाता है.

अब तक यह विधायक चुने गए
प्रत्याशी पार्टी सन
राम चन्द्र सेहरा नेशनल कांग्रेस 1952
गंगाधर नेशनल कांग्रेस 1957
रामचंद्र सेहरा नेशनल कांग्रेस 1962
मुल्तान सिंह सोशलिस्ट पार्टी 1967
मुल्तान सिंह भारतीय क्रांति दल 1969
रामजी लाल केन नेशनल कांग्रेस 1974
राजेश कुमार सिंह जनता पार्टी 1977
गुलाब सेहरा नेशनल कांग्रेस 1980
अशोक सेहरा नेशनल कांग्रेस 1985
ओम प्रकाश दिवाकर जनता दल 1989
ओम प्रकाश दिवाकर जनता दल 1991
रमेश चंद्र चंचल सपा 1993
शिव सिंह चक भाजपा 1996
मोहनदेव शंखवार बीजेपी 2002
राकेश बाबू बीएसपी 2007
राकेश बाबू बीएसपी 2012
एसपी सिंह बघेल बीजेपी 2017
प्रेमपाल धनगर बीजेपी 2020
यह है जातीय समीकरण
ठाकुर 50 हजार
बघेल/घनगर 50 हजार
जाटव 45 हजार
जाट 15 हजार
निषाद 20 हजार
मुस्लिम 20 हजार
ब्राह्मण 15 हजार
शंखवार 10 हजार
कुशवाहा 16 हजार
Last Updated : Sep 16, 2021, 10:01 AM IST

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