फिरोजाबादःभारतीय किसान यूनियन (भानु गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठाकुर भानु प्रताप सिंह ने कहा है कि सरकारी एमएसपी से किसानों को कोई फायदा होने वाला नहीं है. किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य तभी मिल सकेगा जब उनको ही समर्थन मूल्य तय करने का अधिकार मिले. यह तभी संभव है जब सरकार किसान आयोग का गठन करे. इस आयोग में सभी किसानों हों. यह आयोग फसल की लागत के हिसाब से फसल का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करेगा.
इमलिया उम्मरगढ़ गांव स्थित प्रदेश कार्यालय पर मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि टिकैत एंड कंपनी का किसान आंदोलन कांग्रेस की फंडिंग से चल रहा है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा न होता तो सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बाद यह आंदोलन वापस भी हो जाता.
भानु प्रताप सिंह ने कहा कि किसान पूरी जिंदगी अपने गांव में घर बनवाकर उसमें एसी नहीं लगवा सकता है लेकिन दिल्ली बार्डर पर सड़क पर पक्के मकान बनवाकर उनमें एसी लगाकर रहने वाले किसान कैसे हो सकते है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ईमानदार है. लेकिन किसान नेता और अन्य राज नेता कितने ईमानदार है, इसके लिए सरकार को इनकी सीबीआई जांच करानी चाहिए, जिनमें मैं भी शामिल हूं. उन्होंने कहा कि पिछले 75 सालों में इन नेताओं ने जनता को लूटा है.
इसे भी पढ़ें-उच्च अधिकारियों के साथ पीएम मोदी की बैठक, कोरोना और टीकाकरण पर हुई बात
भानु प्रताप सिंह ने कहा कि उनके संगठन की मांग है कि किसान आयोग का गठन हो, 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को 10 हजार रुपये पेंशन मिले. किसान को एक करोड़ रुपये की दुर्घटना बीमा राशि मिले. उन्होंने बताया कि अपनी इन्ही मांगों के संबंध में उनका संगठन 3 दिसम्बर को एक बैठक करेगा. इस बैठक में आंदोलन की रणनीति तैयार की जायेगी.