फिरोजाबाद: यह शहर पूरे देश में सुहाग नगरी के नाम से जाना जाता है. विदेशों में भी इस शहर की पहचान कांच की नगरी के नाम से है. यहां पर करीब 400 कारखाने चलते हैं. इनमें चूड़ियों और ग्लास के आइटम का उत्पादन होता है. इसके अलावा करीब 200 कारखाने नगला भाऊ स्थित इंडस्ट्रियल एरिया में चलते हैं. उन कारखानों में करीब 50 हजार से ज्यादा लेबर काम करती है. इसके बाद भी यहां के इंडस्ट्रियल एरिया की हालत बेहद खराब है.
औद्योगिक एरिया में मूलभूत सुविधाओं का टोटा, व्यापारी परेशान - बुनियादी सुविधाओं का अभाव
उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए सरकार औद्योगिक इलाकों को विकसित कर रही है. ओडीओपी स्कीम के जरिए उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. फिरोजाबाद के औद्योगिक इलाके की तस्वीर दावों के ठीक विपरीत हैं. यहां पर औद्योगिक इलाकों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं है.
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बुनियादी सुविधाओं का है अभाव
सुहाग नगरी के इतने बड़े औद्योगिक स्थान में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. यहां पर साफ-सफाई का कोई इंतजाम नहीं है. जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे देखे जा सकते हैं. कई सड़कें अभी तक पक्की नहीं बनी हैं. कुछ सड़कें 2 महीने पहले पक्की करा दी गई थीं. इसके बाद भी कई सड़कों को विकास की दरकार है. यहां की सड़कों पर बेतहाशा अतिक्रमण है. इस मामले में उद्योग विभाग के उपायुक्त अमरेश कुमार पांडेय का कहना है कि कारखाना मालिकों के सहयोग से अव्यवस्थाओं को दूर किया जाएगा.