फिरोजाबाद: समाजवादी पार्टी से नाता तोड़कर बीजेपी का दामन थामने वाले कद्दावर नेता ने एक बार फिर घर वापसी की है. सपा में वापसी करने वाले नेता जसराना के पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव और उनके बेटे अमोल यादव हैं. बीजेपी सरकार में अमोल यादव जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं. वहीं पूर्व विधायक रामवीर सिंह यादव सैफई परिवार के रिश्तेदार भी बताए जाते हैं. इनकी घर वापसी से माना जा रहा है कि जसराना विधानसभा में समाजवादी पार्टी को फिर से ऑक्सीजन मिल सकेगी.
गौरतलब है कि साल 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान सैफई परिवार की आंतरिक कलह खुलकर सामने आई थी. पार्टी के जो विधायक शिवपाल सिंह यादव के साथ खड़े दिखाई दिए. ऐसे नेताओं को सपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया था या फिर वह लोग हाशिये पर थे. ऐसे ही नेताओ में एक नेता रामवीर सिंह यादव और उनके बेटे अमोल यादव भी थे. रामवीर सिंह यादव जसराना इलाके के कद्दावर नेताओं में गिने जाते है. वो इसी इलाके से समाजवादी पार्टी से तीन बार जीतकर विधायक भी बन चुके हैं.
रामवीर सिंह यादव सैफई परिवार के नजदीकी रिश्तेदार हैं. रामवीर के भांजे राजू यादव की पत्नी मुलायम सिंह यादव की भतीजी हैं. साल 2017 में सपा ने रामवीर सिंह यादव का टिकट काट दिया था. जिसके बाद उन्होंने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला लिया. रामवीर सिंह यादव चुनाव तो लड़े लेकिन जीत न सके. हां सपा का जरूर नुकसान कर दिया. पार्टी के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी करने के चलते सपा प्रत्याशी शिव प्रताप यादव उर्फ टिल्लू की हार हो गई. इसके बाद रामवीर सिंह यादव ने बीजेपी का दामन थाम लिया था और अपने बेटे अमोल यादव को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में भी कामयाब रहे.