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करोड़ों खर्च होने पर भी नहीं सुधरे हालात, कई सार्वजनिक शौचालयों पर लटके हैं ताले - सार्वजनिक शौचालयों पर लटके हैं ताले

बताते चलें कि सरकार स्वच्छता पर विशेष जोर दे रही है. शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में सफाई पर जोर है. इसके अलावा हर घर में शौचालय बनाने के साथ सार्वजनिक शौचालय और स्नानागार भी बनाए गए हैं.

करोड़ों खर्च होने पर भी नहीं सुधरे हालात, कई सार्वजनिक शौचालयों पर लटके हैं ताले
करोड़ों खर्च होने पर भी नहीं सुधरे हालात, कई सार्वजनिक शौचालयों पर लटके हैं ताले

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Published : Nov 30, 2021, 10:19 PM IST

फिरोजाबाद :स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहरी और ग्रामीण इलाकों को खुले में शौच मुक्त बनाने के मकसद से करोड़ों खर्च कर शौचालय बनाये गए थे. इनमें सार्वजनिक शौचालय भी शामिल हैं. लेकिन फिरोजाबाद में सरकार की कवायद पर पलीता लगता दिखाई दे रहा है. यहां शौचालय करीब छह माह पहले ही बनकर तैयार हो चुके है.

बावजूद इसके इन्हें आम आदमी के लिए अभी तक नहीं खोला गया है. इन शौचालयों पर प्रधानों और कार्यदायी संस्थाओं के ताले लगे है. इनको महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को सौंपने की तैयारी की जा रही है लेकिन यह कार्य कब तक पूरी हो सकेगी, उसके बारे में अफसर गोलमोल जवाब दे रहे हैं.

करोड़ों खर्च होने पर भी नहीं सुधरे हालात, कई सार्वजनिक शौचालयों पर लटके हैं ताले

बताते चलें कि सरकार स्वच्छता पर विशेष जोर दे रही है. शहरी के साथ-साथ ग्रामीण इलाकों में सफाई पर जोर है. इसके अलावा हर घर में शौचालय बनाने के साथ सार्वजनिक शौचालय और स्नानागार भी बनाए गए हैं.

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इसका उद्देश्य यह है कि जो राहगीर या जिनके घरों में शौचालय नहीं हैं, उन्हें खुले में शौच न जाना पड़े. इससे फैलने वाली गंदगी पर रोक लग सके. यह शौचालय और स्नानागार सभी ग्राम पंचायतों में स्थापित किए गए है. इनका उपयोग शादी विवाह में बाहर से आने वाले लोगों के लिए भी किया जा सकेगा.

फिरोजाबाद जिले की बात करें तो यहां 564 ग्राम पंचायतें है. इन ग्राम पंचायतों में यह शौचालय तो बनकर तैयार हैं लेकिन उन पर ताले लटके हैं. नारखी विकास खंड के गांव दौलतपुर में ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर देखा तो यहां सार्वजनिक शौचालय तो स्थापित किया गया है लेकिन इन पर ताला लटका था.

इस बाबत हमने जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा से बात की. उनका कहना था कि इन शौचालयों को संचालन के लिए महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को हैंड ओवर किया जाना है. कुछ सार्वजनिक शौचालय हैंड ओवर कर दिए गए है. कुछ अभी होने है लिहाजा हैंड ओवर से पूर्व उन्हें चैक किया जा रहा है. प्रक्रिया पूरी होते ही यह अपना काम शुरू कर देंगे.

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