फिरोजाबाद :यूपी के फिरोजाबाद जनपद में ऑक्सीजन न मिलने से दम तोड़ती ग्लास इंडस्ट्रीज के लिए राहत भरी खबर है. सरकार ने इंडस्ट्री को मिलने वाली ऑक्सीजन पर लगी रोक को हटा लिया है. अब मेडीकल कोटे की ऑक्सीजन को छोड़कर बची हुयी गैस कारखानों को मिलेगी. हालांकि अब यह ऑक्सीजन पहले की तुलना में तीन गुनी अधिक कीमत पर मिलेगी. हालांकि इसकी कमी से इंडस्ट्री को बंद करने की नौबत नहीं आयेगी.
कोविड महामारी में इंडस्ट्री को महंगाई का टीका : तीन सौ का ऑक्सीजन सिलेंडर अब 800 पर पहुंचा देश में कोविड महामारी ने जब रौद्र रूप दिखाया तो लाखों लोग संक्रमित हुए. बीमारी बढ़ी तो मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत पड़ी. मेडिकल क्षेत्र के लिए जो व्यवस्था थी, वह नाकाफी रही. ऑक्सीजन की कमी से हजारों लोग काल के गाल में समा गए. सरकार ने फैसला लेते हुए ऑक्सीजन के औद्योगिक इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए इसकी सप्लाई अस्पतालों को दे दी. इससे फिरोजाबाद की ग्लास इंडस्ट्री खासकर माउथ ब्लोइंग के कारखाने बंद हो गए. करीब एक महीने तक इंडस्ट्री के सामने ऑक्सीजन का संकट रहा.
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फिरोजाबाद में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले दो प्लांट लगे
इसी दौरान राहत भरी खबर यह आयी कि फिरोजाबाद में ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले दो प्लांट लगे. एक प्लांट सरकारी मेडिकल काॅलेज में स्थापित हुआ जिसकी क्षमता एक हजार लीटर प्रति मिनट की दर से है. वहीं, एक अन्य प्लांट एक निजी अस्पताल में लगा. इसके अलावा जिला अस्पतालों में तमाम ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भी खरीदे गए. इससे फिरोजाबाद में ऑक्सीजन की समस्या खत्म हो गयी.
उपायुक्त इंडस्ट्रीज अमरेश कुमार पांडेय ने बताया कि ऑक्सीजन की समस्या खत्म होते ही सरकार ने ऑक्सीजन की औद्योगिक इस्तेमाल को मंजूरी दे दी. उधर, उद्योगपति मुकेश अग्रवाल बताते हैं कि अब जो ऑक्सीजन मिलेगी, उसका सिलेंडर 300 की जगह 800 रुपये में मिलेगा. उन्होंने कहा, 'हालांकि इंडस्ट्री को गैस मिलने से बंद कारखानों को फिर से चालू किया जा सकेगा'. बताया कि फिरोजाबाद नें ग्लास इंडस्ट्री का सालाना टर्न ओवर पांच हजार करोड़ का है. पिछले एक साल में लाकडाउन के चलते इंडस्ट्री को करीब 1200 करोड़ का पहले ही नुकसान हो चुका है. वहीं, अब ऑक्सीजन के दाम बढ़ने से हर महीने करीब एक करोड़ का अतिरिक्त बोझ उद्यमियों पर आएगा.