फिरोजाबाद:सरकार स्वच्छता पर विशेष ध्यान दे रही है. साफ -सफाई के साथ-साथ यह भी व्यवस्था की जा रही है कि कोई भी व्यक्ति खुले में शौच के लिए न जाए, जिससे बीमारियों को फैलने से रोका जा सके. सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर हर ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय भी बनाए हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जनपद में तस्वीर एकदम उल्टा है. दरअसल, यहां पर भारी-भरकम लागत से सार्वजनिक शौचालय तो बना दिए गए हैं लेकिन उन पर अक्सर ताला जड़ा रहता है और सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लग रहा है.
खुले में शौच जाने की व्यवस्था काफी पुरानी है. लेकिन सरकारों की मंशा है कि यह व्यवस्था खत्म हो और लोग खेतों में शौच जाने की बजाए या तो घरों में शौचालय बनवाएं और जो लोग घरों में शौचालय नहीं बनवा सकते या फिर रास्ते चलने वाले राहगीर अगर शौच करना चाहते हैं तो ऐसे लोगों के लिए सरकार ने यह व्यवस्था की है कि हर ग्राम पंचायत में सार्वजनिक शौचालय और स्नानागार स्थापित कराए जाएं.
नीरज सिन्हा,जिला पंचायत राज अधिकारी इसे भी पढ़ेंःप्रतापगढ़ मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में टार्च की रोशनी से हो रहा इलाज
यूपी के फिरोजाबाद जनपद में 564 ग्राम पंचायते हैं और इन सभी ग्राम पंचायतों में सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना भी करा दी गई है लेकिन ऐसी तमाम ग्राम पंचायतें हैं, जहां पर स्थापित किए गए यह सार्वजनिक शौचालय आम लोगों के लिए एकदम सफेद हाथी साबित हो रहे हैं. दरअसल, में इन शौचालयों पर अक्सर ताला ही पड़ा रहता है. इस संबंध में जिला पंचायत राज अधिकारी नीरज सिन्हा (District Panchayat Raj Officer Neeraj Sinha) का कहना है कि शासन ने इन सार्वजनिक शौचालयों के खुलने का और बंद होने का समय तय कर दिया है कि सुबह कितने बजे से लेकर कितने बजे तक खुलेंगे और शाम को इनका क्या समय है.
उन्होंने यह भी बताया कि सार्वजनिक शौचालयों की दीवारों पर वॉल पेंटिंग के जरिए यह लिखवा भी दिया गया है कि, इनका समय क्या है बावजूद इसके कुछ जगहों पर ऐसी शिकायतें मिल भी रही हैं कि वहां शौचालय खुल नहीं रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि जहां से शिकायत मिली थी. वहां के सात केयर टेकरों को हटाया गया है. इसके अलावा जिन जिन कमियों की वजह से यह शौचालय बंद मिलने की शिकायतें मिल रही हैं.
बंद रहते हैं सार्वजनिक शौचालय वहां के पंचायत सचिव और एडीओ पंचायत को नोटिस जारी की गयी है. जिला मुख्यालय पर एक बार रूम भी बनाया गया है, जहां से इन शौचालयों की मॉनिटरिंग की जा रही है. पंचायत सहायकों को फोन कर के इन शौचालयों के बारे में अपडेट ली जा रही है.
ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप