फिरोजाबादःसुहाग नगरी और कांच की नगरी के नाम से पहचान रखने वाला फिरोजाबाद जनपद की स्थापना को 5 फरवरी को 32 साल का हो गया. इस दौरान जिले में विकास के बहुत काम हुए लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जो अधूरे हैं. सुहाग नगरी के लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलने का इंतजार है.
32 साल की हुई 'सुहाग नगरी', अभी भी बहुत से कार्य अधूरे - jasrana tehsil
यूपी के फिरोजाबाद को जिले का दर्जा मिले हुए 5 फरवरी को 32 साल का हो गया. इस दौरान जिले में विकास के बहुत काम हुए लेकिन अभी भी कई काम ऐसे हैं जो अधूरे हैं. जिले के लोगों को इन समस्याओं से निजात मिलने का इंतजार है.
![32 साल की हुई 'सुहाग नगरी', अभी भी बहुत से कार्य अधूरे फिरोजाबाद.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-10507748-577-10507748-1612530957180.jpg)
तहसील से बना था जिला
5 फरवरी 1989 को फिरोजाबाद को जिले का दर्जा मिला था. इससे पहले यह शहर आगरा जनपद की तहसील हुआ करता था. जिला बनाओ संघर्ष समिति के लंबे संघर्ष के बाद और पांच फरवरी को टीबी अस्पताल मैदान के ग्राउंड पर तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी ने फिरोजाबाद तहसील को जिले का दर्जा देने की घोषणा की. फिरोजाबाद तहसील को जिले का दर्जा मिलते ही इसमें मैनपुरी के दो तहसील शिकोहाबाद और जसराना को शामिल कर लिया गया था. जिससे सदर, टूण्डला, शिकोहाबाद, जसराना तहसील जिले में हैं.
इन समस्याओं से जिले के लोगों को चाहिए निजात
फिरोजाबाद को जिला बनने बाद डीएम, एसएसपी, मुख्य विकास अधिकारी यहां बैठने लगे. जिला न्यायालय और जेल भी यहां स्थापित हुए. यहां के लोगों को आगरा की भागम भाग से मुक्ति भी मिली लेकिन ऐसे तमाम काम ऐसे भी है जिनके पूरे होने का लोगो का इंतजार है. फिरोजाबाद के 50 गांवों में आज भी खारे पानी की समस्या है. कुछ ब्लाकों में गिरता जलस्तर बड़ी समस्या बन हुआ है. जिला बनाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है फिरोजाबाद में अभी भी उच्च शिक्षा का अभाव है. यहां कोई बड़ी इंडस्ट्रीज नहीं लगी है. फिरोजाबाद का बस स्टेशन आज तक डिपो नहीं बन सका है. कई महत्वपूर्ण ट्रेनों का ठहराव नहीं होता है, खेल प्रतिभाओं के प्रोत्साहन का कोई इंतजाम नहीं है. हालांकि जनप्रतिनिधियों का दावा है सरकार ने कई जटिल समस्याओं को हल किया भी है और जहां जहां से समस्याएं सामने आतीं है उनके समाधान के लिए प्रयास जारी रहेंगे.