फिरोजाबाद : जिले के चूड़ी बनाने वाले मजदूरों के लिए कोविड काल में राहत भरी खबर आयी है. शासन ने आदेश जारी कर ऐसे मजदूरों के मानदेय में बढ़ोतरी कर दी है. नए शासनादेश के तहत इन मजदूरों को जहां छह सौ रुपये प्रति सैकड़ा तोड़ा के हिसाब से बढ़ी हुई मजदूरी मिलेगी, वहीं एक लीटर मिट्टी का तेल भी मिलेगा. अभी तक यह मजदूरी 24 सौ रुपये प्रति सैकड़ा तोड़ा थी.
Firozabad : कोविड काल में चूड़ी श्रमिकों की खुली लॉटरी, शासन ने इतनी बढ़ाई मजदूरी छह सौ रुपये प्रतिदिन के हिलाब से बढ़ी मजदूरी
फिरोजाबाद में चूड़ियों का काम 50 साल से भी अधिक पुराना है. चूड़ियां कारखाने में बनती हैं. फिर उसे अलग-अलग श्रमिकों के जरिये तैयार किया जाता है. उनका डेकोरेशन किया जाता है. इन्ही कामों में से एक काम जुड़ाई का भी है. एक विशेष प्रणाली से लैंप के जरिये इन चूड़ियों को जोड़ा जाता है. इस काम मे केरोसिन ऑयल भी लगता है. ऐसे मजदूरों की मजदूरी में इजाफा शुरू से ही एक बड़ा मुद्दा रहा है. अब तक श्रमिक और कारखाना मालिक आपस में ही बैठकर मजदूरी तय कर लेते थे.
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त्रिपक्षीय कमेटी ने की थी मजदूरी में बढ़ोतरी की सिफारिश
कभी-कभी बात नहीं बनती थी तो हड़ताल तक हो जाती थी. औद्योगिक अशांति की भी आशंका रहती थी. मजदूरों ने इस समस्या के स्थायी समाधान के लिए लंबा आंदोलन किया. विधायक मनीष असीजा के जरिये मजदूरों की बात शासन तक पहुंची. शासन ने इन मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी के लिए एक त्रिपक्षीय कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में उपश्रमायुक्त के अलावा श्रमिक और सेवायोजन पक्षों को रखा गया. कमेटी ने मजदूरों की समस्याओं, महंगाई के मद्देनजर उनका खर्चा देखते हुए अपनी रिपोर्ट शासन को पेश की जिसमें जुड़ाई मजदूरों की मजदूरी में बढ़ोतरी की सिफारिश की गयी.
कोविड काल में चूड़ी श्रमिकों की खुली लॉटरी शासनादेश जारी, फैक्ट्री मालिक परेशान
कमेटी की सिफारिश के बाद शासन ने बढ़ी हुई मजदूरी का शासनादेश जारी कर दिया है. बढ़ी हुई मजदूरी का लाभ तीन से चार लाख श्रमिकों को मिलेगा. सहायक श्रम आयुक्त अरुण कुमार सिंह ने बताया कि चूडी जुड़ाई श्रमिकों की मजदूरी को 24 सौ से बढ़ाकर तीन हजार कर दी गयी है. शासनादेश जारी हो गया है. जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा. इधर, सेवायोजक बढ़ी हुई मजदूरी से मायूस हैं. उनका कहना है कि चूड़ी इंडस्ट्री की वर्तमान में जो हालत है, वह ऐसी नहीं है कि मजदूरी की बढ़ी हुई दर को झेल सके. इधर, श्रमिकों का कहना है कि यह बढ़ोतरी ऊंट के मुंह में जीरे के समान है. वर्तमान महंगाई के हिसाब से यह मजदूरी अधिक होनी चाहिए. इसके लिए संघर्ष जारी रहेगा.