फिरोजाबादः आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर ईटीवी भारत की टीम ने फिरोजाबाद के मतदाताओं की नब्ज टटोली. जातिगत आंकड़ों और पिछले चुनावों के अलावा मौजूदा ज्वलंत मुद्दों को लेकर लोगों से बात की गयी तो पता चला कि यहां लंबे समय से मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाते हैं. इस बार भी यह वोट इस सीट का भाग्य तय करेंगे. आपको बता दें कि इस सीट पर लंबे समय तक किसी भी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है.
2012 से काबिज है बीजेपी
इस सीट पर बीजेपी को 2012 और 2017 पर जीत मिली थी. भाजपा विधायक मनीष असीजा ने सपा प्रत्याशी अजीम भाई को 41 हजार 727 वोटों से हराकर यह सीट जीती थी. हालांकि इसके पहले के आंकड़े बताते हैं कि कभी सपा तो कभी बीएसपी को इस सीट पर जीत मिली थी. वहीं अगर इसके पूर्व की बात की जाए तो जनता दल को इस सीट पर लगातार दो चुनावों में जीत मिली थी.
2017 के चुनाव में प्रदर्शन
मनीष असीजा (भाजपा) | 1,02, 654 |
अजीम भाई (सपा) | 60,927 |
खालिद नसीर (बसपा) | 51,387 |
ये हैं चुनावी मुद्दे
औद्योगिक क्षेत्रों का विकास, बिजली, सस्ती दर पर नैचुरल गैस, लगातार गिर रहा जलस्तर भी प्रमुख समस्याएं हैं. शहर के कई इलाके पेयजल संकट से जूझ रहे हैं. शहर से सटे कई इलाकों का बुनियादी विकास नहीं हुआ है. श्रमिकों को रोजगार और उनके हितों की रक्षा भी मुद्दा है.
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यह हैं राजनीतिक और जातीय समीकरण
फिरोजाबाद विधानसभा सीट पर मुस्लिम और वैश्य वोट निर्णायक भूमिका निभाता आ रहा है. लंबे समय से किसी एक दल का यहां कब्जा नहीं रहा. सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी उम्मीदवार यहां से चुनाव जीते है.