फिरोजाबाद :किसान बिल इस समय देश में बड़ा मुद्दा बना हुआ है. देश भर के किसान संगठन आंदोलित हैं. बिल में जो प्रावधान किए गए हैं, उससे किसान संगठन सहमत नहीं है. मोदी सरकार किसान संगठनों के साथ-साथ विपक्ष के भी निशाने पर. किसान संगठन दिल्ली में सरकार के खिलाफ धरना भी दे रहे हैं. वहीं इन सबसे इतर जमीनी किसान अपनी ढपली, अपना राग अलाप रहे हैं. किसानों का कहना है कि सरकार कुछ भी करे लेकिन उनकी जो बुनियादी जरुरत है, उसका ध्यान रखा जाय.
दिल्ली के आंदोलन पर क्या है फिरोजाबाद के किसानों की राय ?
किसान बिल को लेकर इस समय दिल्ली में हलचल मची हुई है. खासकर पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान आंदोलनरत हैं. वहीं फिरोजाबाद के किसानों ने इस मुद्दे पर ईटीवी भारत से खुलकर बात की.
किसान इन दिनों खेती के काम में लगा है. फिरोजाबाद की बात करें तो आलू और गेहूं यहां की मुख्य फसल है. दोनों ही फसलों में इन दिनों सिंचाई का काम चल रहा है. किसान इस बात से बेपरवाह बने हुए हैं कि देश में कोई कानून लागू भी हुआ है अथवा नहीं. किसानों को यह भी नहीं पता कि किसान बिल में क्या प्रावधान है. यह किसान हित में है या फिर किसान के खिलाफ है.
जिला मुख्यालय के पास गांव नगला मवासी के किसानों से इस आंदोलन के संबंध में ईटीवी भारत ने बात की. किसान किशन सिंह का कहना था कि उन्हें आंदोलन के बारे में और किसान बिल के बारे में कोई जानकारी नहीं है. वह तो यह चाहते हैं कि खाद, बिजली, पानी और फसल का मूल्य उन्हें वक्त पर मिलता रहे. किसान जवाहर का भी कुछ ऐसा ही कहना है. उनका मानना है कि आवारा जानवर एक बड़ी समस्या हैं. उन्होंने कहा कि किसानों को खाद, बिजली, फसल के उचित मूल्य के साथ-साथ आवारा जानवरों का भी प्रबंध करना चाहिए.