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फिरोजाबाद कोर्ट ने चार लोगों की हत्या के मामले में 29 साल बाद सुनाया फैसला, दो को दी उम्र कैद की सजा

घटना 4 जुलाई 1994 को हुई थी. आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग करके घर में रखा सामान लूट लिया था. फायरिंग में घर के चार लोगों की मौत हो गई थी. घटना के पीछे वजह जमीन की रंजिश थी.

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Published : Feb 22, 2023, 8:22 PM IST

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद जिले की एंटी डकैती कोर्ट/अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने 29 साल पुराने डकैती में चार लोगों की हत्या करने के मामले में बुधवार को सजा सुनाई है. मामले में दो को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने दोष सिध्द पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना अदा न करने पर एक- एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी.

इस सनसनीखेज मामले में 6 अभियुक्तों के खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिनमें से तीन की मौत हो चुकी है. एक आरोपी अभी फरार चल रहा है. जबकि दो को कोर्ट ने बुधवार को आजीवन कारावास की सजा सुना दी. अभियोजन पक्ष के मुताबिक घटना 4 जुलाई 1994 को हुई थी. एका थाना क्षेत्र के गांव मदीपुर निवासी नवल सिंह के घर में श्याम पाल पुत्र बलवीर सिंह तथा विजयपाल सिंह पुत्र पुत्तूलाल ने अपने साथियों के साथ घुसकर फायरिंग की थी और सामान भी लूट कर ले गए थे.

पुलिस में जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी उसके मुताबिक घटना के पीछे जमीन खरीदने की रंजिश थी, जिसको लेकर आरोपियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. गोली लगने से नवल सिंह, उसका बेटा अखिलेश, रामभेजी पत्नी नारायण सिंह तथा बालाश्री चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी. इस घटना में कुछ लोग घायल भी हुए थे. फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण इकट्ठा हुए लेकिन तब तक सभी आरोपी फरार हो गए थे.

मामले में निहाल सिंह ने कुल 6 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. इस मामले की विवेचना करने के बाद पुलिस ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर सभी छह आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. मामले की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या 11 एंटी डकैती कोर्ट रविंद्र कुमार तृतीय की अदालत में हुई. अभियोजन पक्ष की तरफ से पैरवी लोक अभियोजक नरेंद्र कुमार राठौर और ललित कुमार बघेल ने की.

अभियोजन ने कोर्ट के सामने कई साक्ष्य रखे. साथ ही 14 गवाह पेश किए, जिन्होंने घटना की पुष्टि की और आरोपियों की भी शिनाख्त की. अदालत ने इस मामले में श्याम पाल सिंह और विजयपाल को उम्र कैद की सजा सुनाई है. अदालत ने दोष सिध्द पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना न देने पर दोषियों को एक-एक साल की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. जो 6 आरोपी थे उनमें से तीन की तो मौत हो चुकी है जबकि एक अभी फरार चल रहा है. जो जेल में थे उन्हें आज उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.

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