उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

महामारी में मरती संवेदना: शव वाहन न मिलने पर मासूम बेटी की लाश को बाइक पर ले गया पिता

फिरोजाबाद में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. जिले के मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है. वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. यहां पर डेंगू से पीड़ित एक बालिका की मौत हो गई थी. इसके बाद स्वास्थ्य महकमे की अनदेखी के चलते पिता अपनी मासूम बेटी के शव को बाइक पर ही ले जाने को मजबूर हो गया.

शव वाहन न मिलने पर मासूम बेटी की लाश को बाइक पर ले गया पिता
शव वाहन न मिलने पर मासूम बेटी की लाश को बाइक पर ले गया पिता

By

Published : Sep 3, 2021, 8:13 AM IST

फिरोजाबाद: जिले में रहस्यमय बीमारी से हो रही मौतों के बीच स्वास्थ्य विभाग की भी संवेदनहीनता सामने आई है. फिरोजाबाद के मेडिकल कॉलेज से जो तस्वीर सामने आई है. वह इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली है. यहां पर डेंगू से पीड़ित एक बालिका की मौत हो गई थी. इसके बाद जब परिजन शव ले जाने के लिए भटक रहे थे, तो मेडिकल कॉलेज प्रशासन परिजनों को शव वाहन तक मुहैया नहीं करा सका. बाद में मृतका के परिजन अपनी बिटिया का शव बाइक पर ही रख कर ले गए.

जिले में इन दिनों डेंगू और वायरल फीवर से हाहाकार मचा है. 60 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. 40 मौतें अकेले शहरी इलाके में हुई हैं. जबकि कई मौतें ग्रामीण इलाकों में हुई है. मौतों का कोई अधिकृत आंकड़ा भी किसी के पास नहीं है. जिले के ज्यादातर गांव में घर घर चारपाई बिछी हैं. डेंगू महामारी फैलने की शुरुआत शहर से लगे गांव नगला पान सहाय, टापा खुर्द से शुरू हुई थी. इसके बाद बीमारी ने मरघटी जलालपुर, नगला अमान, शेखूपुर, क कपावली,दरिगपुर, समेत कई गांव को अपनी चपेट में ले लिया. शहरी इलाकों में भी डेंगू का जबरदस्त प्रकोप देखा जा सकता है. यहां पर एलान नगर, सुदामा नगर, हुमायूंपुर, झलकारी नगर, आनंद नगर ककरऊ आदि स्थानों पर 40 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. मरने वालों में ज्यादातर बच्चे शामिल है. जबकि बड़ों की संख्या काफी कम है.

शव वाहन न मिलने पर मासूम बेटी की लाश को बाइक पर ले गया पिता

इसे भी पढ़ें-रहस्यमय बीमारी से मौतों का सिलसिला जारी, मरने वालों का आंकड़ा 60

डेंगू और वायरल फीवर से जिन बालक और बालिकाओं की मौत हुई है, उसमें एक नाम पल्लवी पुत्री रामकुमार निवासी भगवान नगर गली नंबर 6 भी शामिल है. इस बालिका को 1 सितंबर के दिन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था. लेकिन 2 सितंबर की देर रात इस बालिका गीत इलाज के दौरान मौत हो गई. बालिका की मौत से आहत परिजनों ने मेडिकल कॉलेज में जमकर हंगामा किया. उनका कहना था कि इलाज में बरती गई लापरवाही से पल्लवी की मौत हुई है. इस मामले में संवेदनहीनता की तस्वीर तब सामने आई जब मेडिकल कॉलेज प्रशासन पल्लवी के परिजनों को शव वाहन तक नहीं दे सका और परिजन बाइक पर रखकर ही पल्लवी का शव रखकर घर ले गए. इस संबंध में मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा का कहना है शव वाहन तैयार था, लेकिन परिजन जल्दी शव ले जाना था इसलिए शव को बाइक पर ही घर ले गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details