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फिरोजाबाद: परंपरागत खेती में हो रहा नुकसान, मत्स्य पालन में रुचि दिखा रहे किसान - fisheries business

परंपरागत खेती में लगातार हो रहे नुकसान के बाद अब किसान अन्य तरीकों से आय बढ़ाने की जुगत लगा रहे हैं. इन दिनों मत्स्य पालन आय बढ़ाने के लिए बेहतर साधन माना जा रहा है. यही वजह है कि कई दशकों से परंपरागत खेती करने वाले किसान भी अब मत्स्य पालन कर रहे हैं.

किसानों ने शुरू किया मत्स्य पालन.
किसानों ने शुरू किया मत्स्य पालन.

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Published : Oct 11, 2020, 12:49 PM IST

फिरोजाबाद: धान और गेहूं जैसी परंपरागत खेती में लगातार हो रहे नुकसान से परेशान किसानों ने अब मछली पालन का काम शुरू कर दिया है. अपनी आय को बढ़ाने के लिए इस काम में लगे ऐसे किसानों की तादाद तेजी के साथ बढ़ रही है. तीन साल पहले जहां मत्स्य पालकों की संख्या 250 थी, वहीं अब इनकी संख्या बढ़कर 700 हो गयी है. प्रधानमंत्री की मत्स्य संपदा योजना के बाद तो तमाम लोगों ने इस योजना के तहत आवेदन किया है.

किसानों ने शुरू किया मत्स्य पालन.

बता दें, मछलियां देश की एक बड़ी आबादी के खाद्यान्न की पूर्ति करती हैं, यही वजह है कि इनकी मांग भी काफी है और रेट भी अच्छा है. इन्हीं सबको ध्यान में रखते हुए मछली पालन में किसानों का रुझान बढ़ा है. जो किसान गेहूं, धान और बाजरा की खेती करते थे, उन्होंने परम्परागत फसलों से हटकर अब मत्स्य पालन के पेशे को अपनाया है.

क्या कहते हैं किसान

किसानों का कहना है कि परम्परागत फसलें घाटे की सौदा हो गई हैं, जिसकी वजह से मत्स्य पालन कर आमदनी को बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. नगला तुर्किया मक्खनपुर के किसान अर्जुन सिंह ने फोर्स की नौकरी से सेवानिवृत होने के बाद मत्स्य पालन का काम किया है. खैरगढ़ इलाके में भामई गांव के पास साढ़े तीन बीघा जमीन में तालाब खुदवाया और उसमें मछली पालन किया है. इससे पहले वह इस जगह में धान और गेंहू की खेती करते थे. अर्जुन सिंह को उम्मीद है कि उन्हें परम्परागत फसलों की तुलना में इस काम में अच्छा मुनाफा मिलेगा.

सरकारी योजना में सब्सिडी से लग रहे हैं पंख

किसानों ने बताया कि मत्स्य पालन करने वाले लोग इससे जुड़ा कारोबार भी कर सकते हैं. मछली के लिए दाना बना सकते हैं, सीड भी तैयार कर उसे बेच सकते हैं. इसके कारोबार पर सरकार सब्सिडी भी देगी.

क्या कहते हैं मत्स्य विभाग के अधिकारी

मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक किशन शर्मा का कहना है कि सीड और दाना बनाने के कारोबार पर सरकार महिला लाभार्थियों को 60 फीसदी, सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को 40 फीसदी और अनुसूचित जाति के लाभार्थियों के लिए 60 फीसदी तक अनुदान दे रही है. उन्होंने बताया कि पीएम मत्स्य संपदा योजना की घोषणा के बाद इस योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ी है. कोई भी व्यक्ति इस योजना का लाभ ले सकता है और अपनी आमदनी तीन से चार गुनी तक बढ़ा सकता है.

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