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फिरोजाबाद में सांड के हमले में एक और किसान की मौत

यूपी सरकार की तरफ से आवारा पशुओं को गोशाला में रखने के निर्देश हैं. इसके बावजूद आवारा पशु सड़कों पर घूमते मिल रहे हैं और लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहे हैं. इसी बीच फिरोजाबाद में सांड के हमले का एक मामला सामने आया है, जिसमें एक किसान की मौत हो गई है.

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सांड

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Published : Jul 22, 2022, 8:49 PM IST

फिरोजाबाद: नारखी थाना क्षेत्र में आवारा सांड के हमले में एक किसान की मौत हो गई है. बताया जा रहा है कि किसान अपने खेत की रखवाली कर रहा था. इसी बीच खेत में घुसे सांड को किसान भगाने लगा. इस दौरान सांड ने किसान पर हमला कर बुरी तरह घायल कर दिया. जिसके बाद किसान की मौत हो गई. जिले में बीते 8 महीनों में आवारा जानवरों के हमले से अब तक 8 लोगों की जान जा चुकी है.

मामला नारखी थाना क्षेत्र के बछगांव की है. यहां के रहने वाला किसान मुकेश शुक्रवार को अपने खेतों की रखवाली कर रहा था. इसी दौरान उन्हें एक सांड के खेत में घुसने की जानकारी मिली. मुकेश ने जब सांड को भगाने की कोशिश की तो उसने हमला कर दिया. मुकेश ने भागकर जान बचाने की कोशिश भी की, लेकिन नाकामयाब रहा. सांड ने उसे जमीन में पटक दिया. इस दौरान मुकेश बुरी तरह घायल हो गया. जानकारी मिलने पर मुकेश के परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां डॉक्टरों ने मुकेश को मृत घोषित कर दिया.

यह पहला मौका नहीं है जब किसी आवारा जानवर के हमले में किसी किसान की मौत हुई है. बीते 8 महीनों के दौरान आवारा जानवरों के हमले में 8 लोगों की जान जा चुकी है. इससे पहले 26 जून को नारखी थाना क्षेत्र के दौलतपुर गांव में सांड के हमले में किसान नारायण सिंह की मौत हो गई थी. किसान खेत में पानी लगा रहा था, उसी दौरान सांड ने हमला कर दिया था.

यह भी पढ़ें-खेत में काम कर रहे किसान पर सांड ने किया हमला, मौके पर ही हुई मौत

इसी तरह 15 फरवरी को रामगढ़ थाना क्षेत्र के महलई मोहम्मदपुर गांव निवासी किशन और उनके बेटे रितिक की सांड के हमले में मौत हो गई थी. 20 फरवरी को नारखी थाना क्षेत्र के भौड़ेला गांव में दो लोगों की मौत हो गई थी. 4 मार्च की रात में रामगढ़ थाना क्षेत्र में ही सांड से टकराकर ऑटो सवार एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था.

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. जितेंद्र कुमार का दावा है कि सड़कों पर जो भी आवारा सांड दिखाई देते हैं, उनको पकड़ने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है. जहां-जहां से सांड के घूमने की शिकायतें आती हैं, वहां टीम भेजकर तत्काल पकड़ा जाता है. इसके बाद उन्हें गोशालाओं में भेज दिया जाता है. जिले में 42 गोशालाएं संचालित की जा रही हैं. एक गोशाला में 4 हजार से ज्यादा गौवंश संरक्षित हैं.

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