फिरोजाबाद: डेंगू महामारी के बढ़ते मामलों के बीच फिरोजाबाद में स्वास्थ्य सेवाएं भी बुरी तरह चरमरा गई हैं. हालात ये हैं कि फिरोजाबाद का जो मेडिकल कॉलेज है उसके इमरजेंसी वार्ड में बेड तक खाली नहीं हैं. यहां पर आने वाले बुखार के मरीजों को बेचों पर लिटा कर इलाज दिया जा रहा है. कुछ बेड़ों पर तो दो-दो मरीज भर्ती हैं. हालांकि मेडिकल कॉलेज प्रशासन लगातार यह दावा कर रहा है कि अस्पताल में बेड़ों की संख्या बढ़ाई जा रही है और मरीज को कोई दिक्कत न हो इसके लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत है. अस्पताल की तस्वीरें इन दावों की पोल खोलने के लिए काफी हैं.
डेंगू महामारी से पूरे जिले में हाहाकार मचा हुआ है. अकेले फिरोजाबाद शहर में 70 से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं. जबकि 30 से ज्यादा मौतें जिले के ग्रामीण इलाकों में हुई हैं. डेंगू का पहला मामला 18 अगस्त को सामने आया था, उसके बाद यह मामले लगातार बढ़ते गए. जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने भी शुरू से इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया. परिणाम यह हुआ कि धीरे-धीरे महामारी पूरे शहर में फैल गई. हालांकि इसकी शुरुआत तो ग्रामीण इलाकों से हुई थी, लेकिन इसने शहर के कई इलाकों को अपनी जद में ले लिया और देखते ही देखते मरीज काल के गाल में समाने लगे.
मामले की गूंज जब लखनऊ पहुंची तो 30 अगस्त को खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ फिरोजाबाद आए थे, जहां उन्होंने मेडिकल कॉलेज में भर्ती मरीजों का हालचाल जाना था. सुदामा नगर नामक एक मोहल्ले में जाकर उन्होंने यह देखा था कि यहां साफ-सफाई की क्या इंतजाम हैं. और डेंगू आखिर क्यों फैल रहा है. इसके बाद कई टीमें भी फिरोजाबाद आईं, लेकिन डेंगू महामारी थमने का नाम नहीं ले रही है.