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डॉक्टर ने सड़क को बना दिया अस्पताल, सर्विसलेन पर लिटाकर मरीजों का किया इलाज

यूपी के फिरोजाबाद में एक हैरान कर देने वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. वायरल वीडियो में एक डॉक्टर हाईवे के सर्विस लेन पर मरीजों को लिटाकर इलाज करता दिख रहा है.

फिरोजाबाद.
फिरोजाबाद.

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Published : Oct 5, 2021, 7:58 PM IST

फिरोजाबादःजिले में डेंगू महामारी के बीच एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है.धरती के भगवान कहे जाने वाले एक डॉक्टर द्वारा इलाज किए जाने की एक अलग निकाली है. कुछ दिन पहले जहां कुच झोलाछाप पेड़ के नीचे मरीजों को लिटाकर इलाज कर रहे थे. लेकिन इस बार एक डॉक्टर मरीजों को हाईवे के किनारे सर्विस लेन पर बने डिवाइडर पर लिटाकर इलाज कर रहा था. डॉक्टर ने ओवरब्रिज के दीवार पर ग्लूजकोज की बोतल लगाकार मरीजों का इलाज कर रहा था. किसी ने इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वायरल वीडियो की ETV BHARAT पुष्टि नहीं करता.

वायरल वीडियो.

बता दें कि जिला डेंगू महामारी की चपेट में है. अबी कितने लोग बीमार हैं और कितने लोग मर गए, इसका कोई भी हिसाब किताब किसी के पास नहीं है. स्वास्थ्य विभाग के रिकॉर्ड के हिसाब से जिले में 63 मौतें हो चुकी है. वहीं, बदइंतजामी का आलम यह है कि लोगों को सरकारी अस्पतालों में इलाज नहीं मिला पा रहा है. जिसके कारण मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के पास या फिर अन्य प्राइवेट अस्पतालों में अपना इलाज कराने को मजबूर हैं.

पिछले दिनों जिले के टूंडला इलाके के गांव उसायनी में एक झोलाछाप डॉक्टर पेड़ के नीचे मरीजों को लिटाकर उन्हें ग्लूकोज की बोतल चढ़ा रहा था. यह मामला अभी सुर्खियों में बना ही था कि अब एक नया वीडियो सामने आया है. यह वीडियो सिरसागंज के कठफोरी गांव का बताया जा रहा है. जहां पर डॉक्टर अश्वनी गुप्ता एक मकान में नर्सिंग होम चलाते हैं. उस नर्सिंग होम पर कोई बोर्ड तक नहीं लगा है. फिर भी इनके नर्सिंग होम में इतने मरीज भर्ती हैं कि जगह तक नहीं बची है.

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ऐसे में डॉक्टर अश्वनि गुप्ता ने जो नए मरीज आए उन्हें हाईवे के किनारे सर्विस लेन पर लिटा दिया और वहां पर ही उन्हें ड्रिप चढ़ा दी. किसी ने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. वायरल वीडियो डीएम के पास पहुंचा तो उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए. इसके बाद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अशोक कुमार मौके पर पहुंचकर नर्सिंग होम की बड़ी लापरवाही पाते हुए उसे सील कर दिया. वहीं, मरीजों ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा नर्सिंग होम को सील किए जाने के निर्णय पर आपत्ति जताई. मरीजों का कहना था कि उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, आखिर हम अपना इलाज कहां कराएंगे.

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