फिरोजाबाद: सुहागनगरी के लोग अब वायु की गुणवत्ता खुद जान सकेंगे. जी हां फिरोजाबाद शहर के नगला भाऊ इलाके में प्रदूषण नियंत्रण विभाग (Pollution Control Department) ने कंटीन्यूअस एंबियेंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (Continuous Ambient Air Quality Monitoring System) स्थापित किया है. इसकी मदद से आम आदमी वायु प्रदूषण के बारे में खुद जान सकेगा. इसके लिए डिस्प्ले भी लगाया गया है. इसके साथ ही हवा में मौजूद गैस या अन्य कोई पदार्थ लोगों के स्वास्थ्य को कितना नुकसान पहुंचा रहे हैं, इसकी जानकारी भी आम लोग कर सकेंगे.
आप भी जान सकेंगे फिरोजाबाद की आबोहवा, शहर में लगा वायु प्रदूषण मापक सिस्टम - यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
फिरोजाबाद (Firozabad) जिले के नगला भाऊ इलाके में प्रदूषण नियंत्रण विभाग (pollution control department) की ओर से कंटीन्यूअस एंबियेंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित (Continuous Ambient Air Quality Monitoring System) किया है. इसका उद्देश्य हवा गुणवत्ता की मॉनिटरिंग कर प्रदूषण के कारणों का पता लगाना और उसका खात्मा करना है.
आपको बता दें कि, औद्योगिक शहर फिरोजाबाद में 400 कारखानों में चूड़ियां और अन्य कांच के आइटम का उत्पादन होता है. कारखानों की चिमनियों से निकला धुंआ लोगों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. साथ ही इससे वायुमंडल भी दूषित हो रहा है. इस धुंए के साथ साथ वाहनों का बढ़ता प्रदूषण, उड़ती धूल भी शहर की आबोहवा को खराब कर रही है, लेकिन अब अच्छी खबर यह है कि प्रदूषण मापक यंत्र (Pollution Monitoring System) लगा होने से इस आवोहवा की गुणवत्ता की मॉनिटरिंग की जा सकेगी.
प्रदूषण मापक यंत्र यानि कंटीन्यूअस एंबियेंट एअर क्वालिटी मॉनिटरिंग सेंटर हैदराबाद की एक संस्था द्वारा लगाया गया है. करीब एक करोड़ की लागत से स्थापित सेंटर की मशीन को सदर तहसील के पास स्थापित किया गया है. जिसका डिसप्ले भी सार्वजनिक स्थान पर लगाया गया है. इस सेंटर के स्थापित होने से विभाग के साथ साथ शहरवासी भी आबोहवा की जानकारी ले सकेंगे. वायु गुणवत्ता खराब होने पर प्रदूषण नियंत्रण विभाग रोकथाम के लिए जरूरी कदम उठाएगा.
इसे भी पढ़ें-मुजफ्फरनगर में शुगर मिल और पेपर इंडस्ट्रीज पर लगा 2 करोड़ का जुर्माना
इस प्लांट को लगाने वाले इंजीनियर अशोक कुमार ने बताया कि इस सिस्टम के माध्यम से हवा की जांच की जाएगी. हवा में मौजूद प्रदूषण का आंकड़ा एकत्रित किया जाएगा. उससे यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कौन सी चीजे हैं जो हवा की गुणवत्ता को खराब कर रही है. इससे लोगों की हेल्थ अच्छी हो सकेगी.