उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

इस मंदिर की गुफा में चंद्रशेखर आजाद ने एक महीने तक काटा था अज्ञातवास, अखाड़े में करते थे पहलवानी

फिरोजाबाद में एक ऐसी गुफा जहां चंद्रशेखर आजाद ने एक महीने का अज्ञातवास काटा था. आइए जानते है इसके बारे में...

Etv Bharat
पेमेश्वर नाथ मंदिर

By

Published : Aug 15, 2022, 4:43 PM IST

Updated : Aug 15, 2022, 5:04 PM IST

फिरोजाबाद:देश कीआजादी के लिए हंसते-हंसते प्राणों को न्यौछावर करने वाले चंद्रशेखर आजाद का नाता जिले से भी है. वह यहां अंग्रेजों से बचने के लिए एक माह तक रुके थे. यहां उन्होंने पेमेश्वर नाथ मंदिर की गुफा में शरण ली थी. वह यहां के अखाड़े में वर्जिश भी करते थे. यहां का अखाड़ा और गुफा आज भी आजादी के नायकों की याद दिलाती है.

आजादी की लड़ाई में क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों से लोहा लिया था. अंग्रेज उन्हें पकड़ना चाहते थे. उनसे बचने के लिए वे फिरोजाबाद के पेमेश्वर नाथ मंदिर की गुफा में आकर छिप गए. उस समय यह मंदिर बगीचे में था और वहीं एक गुफा भी था. इसमें चंद्रशेखर आजाद ने शरण ली थी. वहां के लोगों को यह नहीं पता था कि यह चंद्रशेखर आजाद हैं. वहीं, मंदिर परिषद के बगीचे में एक अखाड़ा था, जहां क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद प्रातः काल उठकर व्यायाम करते थे और दिन में कुश्ती का अभ्यास भी करते थे.

गुफा के बारे में जानकारी देते पहलवान और मंदिर के महंत

मंदिर और अखाड़े से जुड़े लोग बताते है कि करीब एक महीने चंद्रशेखर आजाद उस गुफा में छिपे रहे और वहीं, पेमेश्वर नाथ महादेव मंदिर में पूजा अर्चना भी करते रहे. मामला शांत होने के बाद वे वहां से चले गए. उनके जाने के बाद पता चला कि जो शख्स यहां एक महीने रहा था वह कोई और नहीं बल्कि चंद्रशेखर आजाद था. तब से इस मंदिर के बाहर चंद्र शेखर आजाद का एक चित्र लगा दिया गया, लोग उन्हें आज भी याद करते हैं.

यह भी पढ़ें:कानपुर में 13 क्रन्तिकारियों को अंग्रेजों ने नीम के पेड़ पर दी थी एक साथ फांसी, जानें इसकी दास्तां

इस अखाड़े में पहलवानी करने वाले ऋषि पहलवान बताते है कि यह वही अखाड़ा है, जहां क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद ने कुश्ती और व्यायाम करते थे. यह पेमेश्वर नाथ मंदिर में बना हुआ है और हम आज भी यहां व्यायाम करते हैं और कुश्ती लड़ते हैं. पेमेश्वर नाथ मंदिर के महंत नरेश चंद्र पाराशर बताते हैं कि करीब 16 साल से वे यहां पूजा कर रहे हैं. यहां जो उम्रदराज लोग थे, वह बताते हैं कि यहां चंद्रशेखर आजाद ने अंग्रेजों से छिपकर अज्ञातवास काटा था. तब यहां एक बगीचा थी, जिसमें गुफा थी. उसी गुफा में चंद्रशेखर आजाद छिपकर रहते थे लेकिन यह किसी को पता नहीं था कि वह चन्द्रशेखर आजाद है. उनकी यादें इस मंदिर से जुड़ी हुई है. जिस गुफा में वह छिपे थे, वहां माता रानी का मंदिर बन गया है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

Last Updated : Aug 15, 2022, 5:04 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details