फिरोजाबाद:जनपद में सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना ने सैकड़ों गांवों के किसानों के सामने फसलों की सिंचाई का संकट पैदा कर दिया है. किसान परेशान है. उनकी फसल सूखती जा रही है. तमाम किसान तो ऐसे हैं जो पानी के अभाव में रवि की फसल की बुबाई तक भी नहीं कर सके हैं. चुनावी सीजन है इसलिए इन किसानों को विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी का भी समर्थन मिल रहा है. सपा ने भी एलान कर दिया है कि अगर किसानों की इस ज्वलंत समस्या का हल नहीं होता है तो सपा किसानों के साथ आंदोलन करेगी.
केंद्र सरकार की नमामि गंगे परियोजना के तहत फिरोजाबाद जिले में बासठ गांव के पास एक नाले पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गया है. यह प्लांट शहर ने निकलने वाले गंदे पानी को शोधित करता है फ़िर इस पानी को पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जाता है. पहले भी यह पानी यमुना नदी में गिरता था, लेकिन जो पानी यमुना में जाता था इस कदर गंदा होता था कि यमुना नदी का जल दूषित हो रहा था. यमुना नदी को प्रदूषित पानी से बचाने के लिए केंद्र सरकार ने इस प्लांट की स्थापना कराई. जो समस्या है वह इस नाले के पानी को लेकर है.
पहले इस नाले के इर्द-गिर्द खेती करने वाले किसान इसी नाले के पानी से अपनी फसलों की सिंचाई करते थे. पिछले कई सालों से हजारों बीघा खेतों की इस नाले से सिचाईं होती रही है, लेकिन नई व्यवस्था से इस नाले का पानी ट्रीटमेंट के बाद पाइप लाइन के जरिए यमुना नदी में डाला जा रहा है इसलिए किसानों को सिचाईं के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है. इस वजह से किसान परेशान हैं. उनका कहना है कि इस नाले के आसपास करीब 20 से 25 गांवों के किसान प्रभावित हैं. इनमें बासठ, नगला गोकुल, मुस्तफाबाद, बरकतपुर, बिहारीपुर, शंकरपुर, नगला चूरा, बसई मोहम्मपुर,अन्ते की मढैया, मड़ुआ आदि गांव शामिल हैं.
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