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किसानों की पीड़ा सुन भड़के बीजेपी विधायक, मंडी सचिव को सुनाई खरीखोटी - मंडी समिति शिकोहाबाद सचिव पर आरोप

योगी सरकार किसानों को उनकी फसल का उचित समर्थन मूल्य मिल सके. इसके लिए प्रयत्नशील है. फिरोजाबाद में किसान पिछले 15 दिनों से क्रय केंद्रों पर खड़े हैं. इसके बावजूद उनके गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. जिसकी शिकायत उन्होंने बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा से की.

किसानों का हाल चाल लेते विधायक.
किसानों का हाल चाल लेते विधायक.

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Published : Jun 11, 2021, 2:14 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 5:58 PM IST

फिरोजाबाद:किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य मिल सके इसके किये योगी सरकार बेहद संजीदा है और समर्थन मूल्य घोषित कर किसानों के अनाज की खरीद की जा रही है. इसके ठीक विपरीत फिरोजाबाद में गेंहू की खरीद न होने से किसान परेशान है. किसान 15-15 दिन से क्रय केंद्रों पर खड़े है. इसके बावजूद उनके गेहूं की खरीद नहीं हो पा रही है. ऐसी ही एक शिकायत पर शिकोहाबाद की मंडी समिति में पहुंचे बीजेपी के शिकोहाबाद विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने मंडी समिति के सचिव पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने सचिव को बेईमान के साथ-साथ समाजवादी पार्टी का गुंडा तक करार दे दिया. विधायक का कहना था कि ऐसे अफसर सरकार की छवि को खराब करने पर तुले हैं.

जानकारी देते किसान और बीजेपी विधायक.

दरअसल, इस बार सरकार ने गेंहू का समर्थन मुख्य 1975 रुपया प्रति कुंतल निर्धारित किया है और 15 जून तक गेंहू खरीद की आखिरी तारीख तय की है. इस बार समर्थन मूल्य बाजार से अधिक होने की वजह से किसान मंडियों की बजाय क्रय केंद्रों की तरफ ज्यादा रुख कर रहे हैं, लेकिन किसानों की बढ़ती तदायत की वजह से क्रय केंद्रों की व्यवस्थायें चरमरा गई है. किसान कई-कई दिनों से क्रय केंद्रों पर खरीद की आस में बैठे हैं, लेकिन उनके अनाज की खरीद नहीं हो पा रही है. ऐसी ही एक शिकायत पर शिकोहाबाद मंडी समिति क्रय केंद्र पहुंचे शिकोहाबाद के बीजेपी विधायक डॉ. मुकेश वर्मा ने मंडी समिति के सचिव को जमकर खरी खोटी सुनायी.

विधायक ने आरोप लगाया कि मंडी सचिव सपा के गुंडे की तरह काम कर रहे है जो सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं. उन्होंने सचिव को बेईमान तक करार दिया. इस संबंध में जब मंडी समिति शिकोहाबाद के सचिव प्रदीप यादव से बात की गई तो उनका कहना था कि गेंहू की खरीद तो 3 क्रय एजेंसियों द्वारा की जा रही है. मंडी समिति ने तो उन्हें केवल जगह दी है. मंडी को बदनाम करना गलत है. उनका कहना है कि क्रय एजेंसियों से जानकारी करने पर पता चला है कि एक एजेंसी एक दिन में अधिकतम 300 कुंतल ही खरीद सकती है लेकिन आवक ज्यादा होने की वजह से यह समस्या पैदा हुई है.


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Last Updated : Jun 16, 2021, 5:58 PM IST

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