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पीएम आवास योजना में आवेदन करने के बाद लापता हुए लाभार्थियों को खोज रहा विभाग

फिरोजाबाद जिले में दो हजार ऐसे भी लाभार्थी हैं. जिन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) में आवास लेने के लिए आवेदन तो किया, लेकिन अब वह लापता हो गए हैं. विभाग ने उन्हें काफी खोजा, लेकिन जब वह नहीं मिले तो विभाग ने इनका नाम पात्रता की सूची से काट दिया.

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Published : Jul 28, 2021, 12:28 PM IST

प्रधानमंत्री आवास योजना.
प्रधानमंत्री आवास योजना.

फिरोजाबादः हर आदमी का सपना होता है कि उसका अपना आवास हो. इसके लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की शुरुआत की है. इस योजना के प्रति लोगों में काफी उत्साह है. बड़ी तदात में लोग आवेदन करने के बाद उसका लाभ भी ले रहे है, लेकिन यूपी के फिरोजाबाद जिले में दो हजार के आसपास ऐसे भी लाभार्थी हैं. जिन्होंने इस योजना में आवास लेने के लिए आवेदन तो किया, लेकिन अब वह लापता हो गए हैं. विभाग ने उन्हें काफी खोजा, लेकिन जब वह नहीं मिले तो विभाग ने इनका नाम पात्रता की सूची से काट दिया है.

जिले में साल 2017-18 में इस योजना के तहत 46 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया था. विभाग ने जब इनके आवेदनों की जांच कराई तो 13 हजार लाभार्थी अपात्र मिले. जिला नगरीय अभिकरण डूडा के परियोजना निदेशक सुभाषवीर राजपूत ने बताया कि जिन लोगों ने आवेदन किए थे, इनमें से 2000 लाभार्थी ऐसे थे जो पते पर नहीं मिले. उन्होंने बताया कि यह वह लोग है जिन्हें योजना की जानकारी नहीं थी और इन्होंने आवेदन कर दिया था. साथ ही यह लोग यहां रहते तक नहीं है. इनके आवेदनों को पात्रता की सूची से बाहर किया जा रहा है. परियोजना निदेशक ने बताया कि कुछ लाभार्थी ऐसे भी थे जिनके पास जमीन नहीं थी अगर थी भी तो उस पर विवाद चल रहा है.

जानकारी देते अधिकारी.

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बता दे कि प्रधानमंत्री आवास योजना उन लोगों के लिए है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं. किराए के मकान में रहते हैं. इस योजना के तहत जो लोग आवास के लिए धनराशि लेना चाहते हैं, उनके लिए कुछ शर्तें भी हैं. योजना की शर्तों के मुताबिक लाभार्थी के पास एक निर्विवाद प्लाट हो. उसे पास बुक और आधार कार्ड के साथ ऑनलाइन आवेदन करना पड़ता है. सरकार खाली प्लाट की जिओ टैगिंग करती है उसके बाद सरकार इनके खाते में किस्त भेजती है. उसके बाद जब उस किस्त का पैसा मकान में लग जाता है तो फिर अगली किस्त उसके खाते में भेजी जाती है. इस तरह धीरे-धीरे किस्तों में ढाई लाख रुपये की धनराशि लाभार्थी को मकान के निर्माण के लिए दी जाती है.

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