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Published : Jul 5, 2021, 10:33 AM IST

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टूरिज्म का हब बनेगी सुहाग नगरी, बीहड़ में बनेगी कृत्रिम झील

फिरोजाबाद (Firozabad) में पर्यटन विकास (Tourism Development) की संभावनाएं तलाशी जा रही हैं. यहां यमुना नदी के पास बीहड़ (Beehad) में एक कृतिम झील (Artificial Lake) बनवाई जाएगी. इस झील को बनवाने की कवायद शुरू हो चुकी है. इस झील का लुक ऐसा होगा, जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा.

कृत्रिम झील के भूमि का निरीक्षण करते विधायक.
कृत्रिम झील के भूमि का निरीक्षण करते विधायक.

फिरोजाबादः जिले के बसई मोहम्मदपुर इलाके का बीहड़ में वैसे तो ऐतिहासिक धरोहरों से भरा पड़ा है. यहां यमुना के किनारे गांव चंद्रवार स्थित है जो कभी राजा चंद्रसेन जैन का राज्य हुआ करता था. आज भी इस जगह को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में जाना जाता. इसके अलावा भी यहां हजरत शाह सूफी की ऐतिहासिक दरगाह भी है जो यमुना नदी के किनारे स्थित है. हर साल यहां बड़ा उर्स आयोजित होता है जो हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक बनता है. यहां पसीना वाले हनुमान जी का मंदिर है. यह स्थान भी दर्शकों के लिए कौतूहल का केंद्र बना हुआ है. इसी मंदिर के पीछे 200 बीघा करीव 16 हेक्टेयर जमीन है, जिस पर कृत्रिम झील बनाने कवायद शुरू कर हो गयी है.

सदर विधायक मनीष असीजा ने इस जमीन पर कृत्रिम झील बनाने के लिए विधानसभा में सवाल उठाया गया था. विधायक के मुताबिक इस भूमि के पास से बहने वाली यमुना नदी का पानी इस में एकत्रित करके एक विशाल झील का निर्माण कराये जाने हेतु शासन में लगातार प्रभावी पैरोकारी की. सिंचाई विभाग एवं लघु सिंचाई विभाग में आंकड़े सहित प्रस्ताव दिया कि वर्षाऋतु में यमुना नदी का जल स्तर इतना बढ़ जाता है कि आस-पास के खादरों तक जल पहुंच जाता है. परंतु कोई रोकथाम की व्यवस्था न होने के कारण यह जल अनुपयोगी होकर वापिस नदी के रास्ते होते हुए बह जाता है.

फिरोजाबाद में बनेगी कृत्रिम झील.

विधायक मनीष असीजा ने शासन में उच्चस्तरीय अधिकारीयों, आश्वासन समिति एवं विधानसभा में प्रस्ताव दिया कि यदि वर्षाऋतु में बढ़े हुए जल को नदी के समीप स्थित इस विशाल भूखंड में संचित करते हुए एक झील का निर्माण करा जाए तो अतिरिक्त जल का संग्रह हो जाएगा. भू-गर्भ जल स्तर बढ़ेगा, जल में रहने वाले जलचरों को आश्रय मिलेगा. जलीय वनस्पतियों का संवर्धन होगा, पर्यावरण में सुधार होगा और इस झील के विकास से यमुना किनारे सुंदर रमणीक पिकनिक स्पीच बन कर तैयार हो जाएगा. इससे क्षेत्रीय नागरिकों के लिए एक सुरम्य पर्यटन स्थान उपलब्ध हो जाएगा.

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विधायक मनीष असीजा ने बताया कि इस प्रोजेक्ट पर अनेक बार शासन के द्वारा स्थलीय निरीक्षण हेतु टीमें भेजी जाती रही हैं, एवं इसी प्रक्रिया में से ही झील निर्माण का प्रस्ताव आगे बढ़ रहा है.
इसी क्रम में मूल प्रस्ताव से पहले साइट सर्वे का मौका मुआयने के लिए आईआईटी रुड़की को साढ़े चार लाख रुपयों की धनराशि प्रदान की गई थी. लिहाजा रूड़की के प्रोफेसर आरडी गर्ग, प्रोफेसर वीऐ सावंत, सर्वेयर सुमित, सर्वेयर सुनील, सिंचाई विभाग के एक्सईएन शरद सौरभ त्रिपाठी, जेई पवन कुमार, नायब तहसीलदार, लेखपाल राधेश्याम यादव इसका सर्वे भी कर चुके हैं.

विधायक ने बताया कि प्रस्तावित झील की भूमि का चिन्हांकन, यमुना नदी का एवं झील का वाटरलेवल एवं मृदा टेस्टिंग का कार्य आरंभ हो गया है. रिपोर्ट आने के बाद यह भी तय करा जाएगा कि यमुना नदी से पानी प्राकृतिक बहाव के माध्यम से लिया जाएगा अथवा पंपिग स्टेशन के माध्यम से पहुंचाया जाएगा. उन्होंने बताया कि अगर यह प्रोजेक्ट स्वीकार होता है तो यह फिरोजाबाद के लिए बड़ी उपलब्धि होगी. यह इलाका टूरिज्म के लिहाज से विकसित हो जाएगा.

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