फिरोजाबाद:देश में चूड़ियों के शहर के नाम से पहचान रखने वाले फिरोजाबाद शहर में इन दिनों टीबी के शिकार मरीजों को ढूंढने का अभियान चल रहा है. तीन चरणों में चलने वाला यह अभियान 26 दिसंबर से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगा. इस अभियान का मकसद क्षय रोग को जड़ से मिटाना है. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की टीमें घर-घर जाकर संदिग्ध मरीजों का नमूना इकट्ठा करेंगी.
क्षय रोग को जड़ से मिटाने में जुटा प्रशासन, मरीजों की घर-घर जाकर होगी पहचान - tuberculosis patients in firozabad
यूपी के फिरोजाबाद में टीबी के मरीजों को ढूंढने के लिए प्रशासन अभियान चला रहा है. यह अभियान 26 दिसंबर से शुरू होकर 25 जनवरी तक चलेगा. अभियान का मकसद क्षय रोग को जड़ से मिटाना है.
फिरोजाबाद शहर एक औद्योगिक शहर है. यहां चूड़ियां और ग्लास बनते हैं. वहीं, करीब 400 से अधिक कारखाने भी यहां चलते हैं. इनसे उठने वाला धुंआ टीबी की बीमारी को जन्म देता है. इसके अलावा घरों में चूड़ियों की जुड़ाई आदि का काम भी केरोसिन से होता है. यही वजह है कि यहां टीबी के मरीजों की अच्छी खासी तादाद है. वर्तमान में भी यहां 2,781 टीबी पेशेंट ऐसे है जिनका टीबी अस्पताल में इलाज चल रहा है इसके अलावा प्राइवेट अस्पतालों में कितने पेशेंट्स का इलाज चल रहा है. इसका तो कोई आंकड़ा भी नहीं है.
25 जनवरी तक चलेगा अभियान
जानकर मानते है कि टीबी मरीज की शुरूआत में जानकारी मिल जाए तो उसका इलाज आसान है. इसी क्रम में फिरोजाबाद में टीबी के मरीजों को खोजने का अभियान चल रहा है. डिप्टी क्षय रोग अधिकारी डॉ. अशोक कुमार के मुताबिक यह अभियान तीन चरणों में चल रहा है. जिसका शुभारंभ 26 दिसंबर से हो चुका है और यह अभियान 25 जनवरी तक चलेगा.