फतेहपुर:कोरोना कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घरों को वापस आ गए थे. ऐसे में सरकार के सामने उनको रोजगार देने का एक बड़ा संकट गहरा गया था. जिसे देखते हुए योगी सरकार ने एक बार फिर पारंपरिक व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए कदम बढ़ाया और एमएसएमई के माध्यम से 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' की शुरुआत की गई. इस योजना के तहत प्रवासी मजदूर प्रशिक्षण लेकर अपना खुद का काम शुरू कर सकते हैं. प्रशिक्षण के बाद उन्हें टूल किट भी उपलब्ध कराई जाएगी.
सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों, पारंपरिक कारीगरों एवं प्रवासी मजदूरों को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' लागू की है. इस योजना के अंतर्गत पारंपरिक कारीगरी लोहार, नाई, कुम्हार, राजमिस्त्री, हलवाई, दर्जी, बढ़ई, सोनार, मोची आदि के कौशल को बढ़ाने और आजीविका के साधनों को मजबूत किया जाएगा. पहले आओ पहले पाओ के आधार पर लाभार्थियों को जिला उद्योग केंद्र के माध्यम से 6 दिवसीय प्रशिक्षण देने के बाद नि:शुल्क सम्बंधित टूल किट दिया जाएगा. प्रशिक्षण व टूलकिट प्राप्त करने के बाद जरूरतमंदों को स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं, साथ ही उन्हें औद्योगिक इकाइयों में भी रोजगार के अवसर मिलेंगे.