फतेहपुर:जिले में परिषदीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में विज्ञान के शिक्षकों को प्रचलित जादू टोने के पीछे विज्ञान से जुड़े तर्क की जानकारी दी गई, जिससे कि शिक्षक स्कूल में बच्चों को जादू टोने के पीछे जुड़े विज्ञान के बारे में बता सकें और बच्चों के अंदर का अंधविश्वास दूर हो. इसके साथ ही बच्चे भी अपने परिवार के लोगों को इस बारे में बताकर जागरूक करें.
अंधविश्वास के खिलाफ शिक्षकों को दिया जा रहा प्रशिक्षण. आज भी जादू-टोने से जुड़े हैं लोग21वीं सदी के आधुनिक समाज में भी भारत के लोग जादू-टोने जैसे अंधविश्वास से जुड़ हुए हैं. बाबाओं और मौलवियों के चमत्कार को दैवीय शक्ति मान कर लोग आधुनिक समय में भी मूर्खतापूर्ण कार्य करते हैं. किसी व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने पर उसे डॉक्टर के पास इलाज कराने के बजाय जाड़-फूंक करवाते हैं, जिसके चलते कई घटनाएं ऐसी होती हैं जो कि पूरे मानव सभ्यता को झकझोर देती हैं. यह भी पढ़ें: योगी की बची साख, सपा को संजीवनी, बसपा का नहीं खुला खाता- ये हैं आपके नए विधायक
अंधविश्वास के खिलाफ ये प्रयास
ऐसे में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्राद्यौगिकी संचार परिषद लोगों में अंधविश्वास के खिलाफ वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने का प्रयास कर रहा है. इसके तहत देश में नीति आयोग द्वारा चयनित पिछड़े जिलों में स्कूलों में चमत्कारों के पीछे के वैज्ञानिक तर्क की जानकारी दी जा रही है.
समाज में फैले अंधविश्वास को रोकने के लिए शिक्षकों को इसके पीछे छिपे हुए वैज्ञानिक तर्क के बारे में बताया जा रहा है, जिससे सभी शिक्षक इसके बारे में बच्चों को जानकारी दें.
-कंचन शर्मा, विज्ञान शिक्षिका
समाज में फैले अंधविश्वास को देखते हुए लोगों के अंदर वैज्ञानिक क्षमता का विकास करना जरूरी है, जिसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके बाद सभी शिक्षक इस बारे में बच्चों को जानकारी देंगे.
-डॉ. एस. के. सिंह, प्रशिक्षक