फतेहपुर:देश में अचानक घोषित लॉकडाउन से बड़े शहरों और महानगरों में रोजगार की तलाश में गए लोग वहीं फंस गए हैं. औद्योगिक इकाइयों के बंद हो जाने के कारण उनके पास कोई काम नहीं बचा. ऐसे में उनके सामने दो वक्त की रोटी का संकट गहरा गया. उनकी परेशानियों को देखते हुए सरकार उन्हें ट्रेन के माध्यम से उनके घर तक पहुंचाने का कार्य कर रही है. इसी क्रम में फतेहपुर पहुंची श्रमिक स्पेशल ट्रेन के प्रवासी मजदूरों से ईटीवी भारत ने बातचीत की.
मजदूरों से जब ट्रेन के किराये के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उनसे एक टिकट का 800 रुपये लिया गया है, जबकि टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है. इसके साथ ही एक युवक जो अपनी पत्नी व छोटे बच्चों के साथ था, उसने बताया कि उसकी 7 साल की बच्ची का भी पूरा किराया लिया गया है.
यानी घर वापसी कर रहे मजदूरों को उनके किराये पर कोई रियायत नहीं दी गई है. इसके बीच एक सवाल और खड़ा होता है कि जब उनके टिकट पर 670 रुपये प्रिंट है तो आखिर 800 रुपये किसने और क्यों लिए, जबकि देश कोरोना संकट से जूझ रहा है.