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फतेहपुर: 53 हेक्टेयर जमीन पर फलदार पौधे लगाने की योजना, लोगों को मिलेगा रोजगार - fatehpur horticulture officer ram singh yadav

प्रदेश में अब योगी सरकार ने जॉब कार्डधारकों को काम देने के लिए फलदार वृक्षों की पट्टी तैयार करने की कार्य योजना बनाई है. इसी योजना के तहत फतेहपुर में भी कई गांवों को चयनित किया गया है. चयनित गांवों में तीन वर्ष में 47 लाख रुपये इस योजना पर खर्च किए जाएंगे.

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कॉन्सेप्ट इमेज.

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Published : Jun 16, 2020, 5:02 PM IST

फतेहपुर: लॉकडाउन से कई औद्योगिक इकाइयां ठप हो गई थीं, जिससे कई लोगों को आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा. ऐसी परिस्थिति में बड़ी संख्या में मजदूर बेरोजगार हो गए और हजारों किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर घर लौटने लगे. इस बीच सभी लोगों को घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने की प्रदेश सरकार के सामने बड़ी चुनौती खड़ी हो गई. इसको प्रदेश की योगी सरकार ने प्रवासी मजदूरों को घर पर ही रोजगार देने के लिए खाका तैयार कर लिया है.

फलदार पौधे लगाने की यूपी सरकार की योजना.

प्रवासी मजदूरों को रोजी-रोटी देने के उद्देश्य से सरकार ने मनरेगा योजना के तहत कई लोगों को काम देना शुरू किया. प्रदेश में अब योगी सरकार ने जॉब कार्डधारकों को काम देने के लिए आम, अमरूद, नींबू, बेल, किंनो आदि फलदार वृक्षों की पट्टी तैयार करने की कार्य योजना बनाई है. योजना के तहत जॉब कार्डधारकों को अपनी जमीन पर बागवानी के लिए निःशुल्क पौधों के साथ मजदूरी का भी भुगतान दिया जाएगा. इसके अलावा पौधे के अनुरक्षण के लिए अनुदान मिलता रहेगा.

उपलब्ध कराए जाएंगे नि:शुल्क पौधे
योजना के तहत लाभार्थियों की श्रेणी में आने वाले सुरेश सिंह ने कहा कि इससे पहले पौधे खरीदकर बाग तैयार करते थे. इस बार सरकार हमें निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराने जा रही है. इसके साथ ही उनकी देख-रेख के लिए पैसे भी देगी. इससे हम लोगों को बाग तैयार करने के लिए प्रेरणा मिलेगी. ऐसा होने से हम पहले से अधिक पौधे लगा सकेंगे. सरकार की तरफ से चलाई गई यह योजना काफा अच्छी है.

47 लाख रुपये किए जाएंगे खर्च
सरकार की तरफ से शुरू की गई योजना के बारे में जिला उद्यान अधिकारी राम सिंह यादव ने बताया कि प्रवासी मजदूर बाहर से आए हैं. उनको गांव में ही रोजगार देने के लिए जिले की 53 हेक्टेयर जमीन पर फलदार पौधे लगाने की योजना है. जिले के छह ब्लॉक में गंगा किनारे लगे गांवों को चयनित किया गया है. चयनित गांवों में तीन वर्ष में 47 लाख रुपये इस योजना पर खर्च किए जाएंगे. ऐसा पहली बार हो रहा है कि मनरेगा जॉब कार्डधारकों को निःशुल्क पौध उपलब्ध होने के साथ पैधों का ख्याल रखने के लिए भी मजदूरी मिलेगी. इससे पर्यावरण में सुधार होगा.

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