उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

फतेहपुर: यहां खेल-खेल में बच्चों को किया जाता है पर्यावरण के प्रति जागरूक - बच्चों को किया जा रहा पर्यावरण को लेकर जागरूक

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर में पर्यावरण को लेकर प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में ग्रीन आर्मी का गठन किया गया है. इसके तहत बच्चों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

etv bharat
पर्यावरण को लेकर बच्चों को किया जा रहा जागरूक.

By

Published : Feb 23, 2020, 10:35 AM IST

Updated : Feb 24, 2020, 8:55 AM IST

फतेहपुर: पर्यावरण प्रदूषण के वैश्विक खतरे से सभी वाकिफ हो चुके हैं. इसके बावजूद भी लोग पर्यावरण के प्रति सचेत नहीं हो रहे हैं. पर्यावरण की रक्षा करने के लिए फतेहपुर जिले के प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में ग्रीन आर्मी का गठन किया गया है. इसके माध्यम से स्कूल में छात्रों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाता है. उनका मानना है कि जब ये बच्चे जागरूक होंगे तो खुद पर्यावरण के प्रति सचेत रहेंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे.

पर्यावरण को लेकर बच्चों को किया जा रहा जागरूक.

पर्यावरण को बचाने के लिए गठन हुई ग्रीन आर्मी
प्राथमिक विद्यालय मुरारपुर में छात्रों को खेल-खेल में पर्यावरण से जुड़ी जानकारियां सिखाई जाती हैं. यहां स्वच्छता और हरियाली पर विशेष ध्यान दिया जाता है. विद्यालय परिसर को स्वच्छ और हरा-भरा बनाए रखने के लिए ग्रीन आर्मी का गठन किया गया है. इसमें शामिल छात्र यहां खुद हरियाली को बढ़ाने में कार्यरत रहते हैं. साथ ही दूसरे छात्रों और ग्रामीणों को भी वह जागरूक करते हैं. छात्रों को पर्यावरण से जुड़ी जानकारी कविता और संगीत के माध्यम से बताया जाता है. जैसे गिनती को भी कविता के माध्यम से सिखाया जाता है, जिसमें स्वच्छता से जुड़ी जानकारियां होती हैं. इसके साथ बच्चे गिनती भी सीखते हैं और पर्यावरण के प्रति जागरूक भी होते हैं.

बच्चों को पर्यावरण की जानकारी पाठ्यक्रम से जोड़कर देने के विचार पर शिक्षिका गीता यादव ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण की समस्या गम्भीर बन गई है. अगर पर्यावरण नहीं बचेगा तो जीव भी नहीं बचेंगे. पर्यावरण की भयावहता के लिए जिम्मेदार हम स्वंय है और अब इसे बचाने के लिए हम लोगों को आगे आना है. स्कूल में बच्चों को छोटी-छोटी जानकारी जैसे पानी को बर्बाद न करना, पेड़ लगाना, आस-पास स्वच्छता रखना, इन सब जानकारी को खेल-खेल में सिखाया जाता है. इसका उद्देश्य यह है कि यह बच्चे जब पर्यावरण के विषय में जागरूक होंगे तो उसके विनाश के परिणाम से वाकिफ होंगे और फिर पर्यावरण को बचाने के लिए कदम बड़ाएंगे.

इसे भी पढ़ें-भारतीय भाषा महोत्सव में बोले सीएम, संस्कृत पढ़ने वाला व्यक्ति कभी भूखा नहीं मर सकता

Last Updated : Feb 24, 2020, 8:55 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details