फतेहपुर: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 (UP Assembly Election 2022) के लिए सियासी बिसात बिछ चुकी है. सूबे में अलग-अलग जातियों को साधने के लिए समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) हर संभव कोशिश में जुटी हैं. सभी राजनीतिक पार्टियां जीत के समीकरण और चुनावी रणनीति तैयार कर रही हैं. सभी की निगाहें जातीय वोट बैंक पर टिकी हैं. सपा और बीजेपी अति पिछड़ी जातियों में शामिल अलग-अलग जातियों को साधने के लिए उसी समाज के नेता को मोर्चे पर भी लगा दिया है. वहीं, चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले नेता मतदाताओं के बीच अभी से उन्हें रिझाने में लगे हुए हैं. अगर, फतेहपुर जिले की बात की जाए तो यहां 6 विधानसभा सीटे हैं. पंचायत चुनाव के दौरान निर्वाचन कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, जिले में मतदाताओं की संख्या 18 लाख 52 हजार 515 है. अगर, जातीय आंकड़ों की बात की जाए तो जनपद में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या लगभग 20 फीसदी और दलित मतदाता लगभग 30 फीसदी हैं. इसके अलावा 10 फीसदी कुर्मी, 10 फीसदी ब्राम्हण, 8 फीसदी क्षत्रिय, 12 फीसदी लोधी और 10 फीसदी अन्य मतदाता हैं. आज हम बात फतेहपुर सदर विधानसभा की करेंगे. यहां लोधी और मुस्लिम वोट जिस करवट बैठते हैं, उसी का पलड़ा भारी होता रहा है. यह सीट जिले की मुख्य सीट मानी जाती है. इस सीट पर 1989 तक कांग्रेस पार्टी का दबदबा रहा, लेकिन उसके बाद कांग्रेस वापसी को तरस गई. उसके बाद जनता दल, बसपा, सपा और सबसे ज्यादा बार बीजेपी के खाते में सीट गई. वर्तमान में भाजपा से सिटिंग विधायक विक्रम सिंह हैं. आइये जानते हैं इस सीट का समीकरण क्या कहता है...
फतेहपुर जिले की 6 विधानसभा सीटें
क्र0सं0. | विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र संख्या | विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र का नाम |
1. | 238 | जहानाबाद |
2. | 239 | बिन्दकी |
3. | 240 | फतेहपुर |
4. | 241 | आयहशाह |
5. | 242 | हुसैनगंज |
6. | 243 | खागा |
पढ़िए फतेहपुर सदर सीट का भूगोल
गंगा और यमुना नदी के बीच बसे फतेहपुर जिले की सदर विधानसभा सीट पर कभी कांग्रेस पार्टी का वर्चस्व हुआ करता था. साल 1989 तक इस सीट पर कांग्रेस का राज रहा, लेकिन इसके बाद हाथ यहां जनता ने अपना रुख बदल लिया. लंबे समय तक कांग्रेस का राज रहने के बावजूद विधानसभा क्षेत्रवासियों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रहना पड़ा. अभी भी उच्च मेडिकल फैसिलिटी और उच्च शिक्षा के लिए लोगों को पड़ोसी जिला कानपुर पर निर्भर रहना पड़ रहा है. स्वास्थ्य के लिहाज से यह क्षेत्र काफी पिछड़ा रहा है. किसी गंभीर बीमारी या किसी हादसे की स्थिति में अब भी मरीजों को उपचार के लिए कानपुर या लखनऊ रेफर करना पड़ता है. यह क्षेत्र नेशनल हाईवे दो और हावड़ा-दिल्ली रेल मार्ग से जुड़ा हुआ है. यहां बस और ट्रेन की अच्छी कनेक्टिविटी है. फतेहपुर सदर विधानसभा क्षेत्र में हर जाति-वर्ग के लोग निवास करते हैं.
साल 2017 के विधानसभा चुनाव में फतेहपुर सदर विधानसभा सीट से 14 उम्मीदवारों ने अपनी किस्मत आजमाई थी. इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के बीच सीधा मुकाबला था. हालांकि, बीजेपी के उम्मीदवार विक्रम सिंह (उपचुनाव में निर्वाचित विधायक) 89481 वोट पाकर फतेहपुर सदर विधानसभा सीट से विजयी हुए थे, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी सपा के चंद्र प्रकाश लोधी 57983 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे. बसपा के समीर त्रिवेदी को 35548 वोट मिले. वे तीसरे स्थान पर रहे. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे राजकुमार लोधी को मात्र 909 वोट मिले. साल 2017 के चुनाव में फतेहपुर सदर विधानसभा सीट पर कुल 3 लाख 26 हजार 564 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. इनमें तीन हजार से अधिक ऐसे मतदाता भी थे, जिन्होंने पहली बार मतदान किया.
1989 के बाद का इतिहास