फर्रुखाबादः जिले में एक महिला ने सोमवार को मायके आकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. उसकी शादी तीन माह पहले हुई थी. घर से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें लिखा है कि 'हमें कुछ नहीं आता, हमें लड़की नहीं बनना चाहिए था, बल्कि भगवान जानवर बना देता' पुलिस ने सुसाइड नोट को कब्जे में लेकर मामले की छानबीन शुरू कर दी है.
सदर कोतवाली क्षेत्र के बिर्राबाग निवासी हरीबाबू कुशवाहा की पुत्री संध्या कुशवाहा की शादी तीन माह पहले गांव बाग लकूला के रंजीत कुशवाहा से हुई थी. कुछ दिन पहले ही संध्या अपने मायके आई थी. रविवार को हरीबाबू कादरी गेट स्थित अपनी परचून की दुकान पर थे और परिवार के अन्य सदस्य हरदोई किसी पार्टी में शामिल होने गए थे. घर पर संध्या अकेली थी.
इस बीच उसने घर में कमरा बंद कर दुपट्टे से पंखे के सहारे फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली. जब शाम को हरीबाबू ने कई बार फोन किया तो संध्या ने फोन रिसीव नहीं किया. इसके बाद वह आनन-फानन में घर पहुंचे तो दरवाजा अंदर से बंद मिला. काफी देर तक आवाज देने के बावजूद दरवाजा न खुलने पर उन्होंने खिड़की से देखा तो उसका शव लटका दिखाई दिया.
उन्होंने तत्काल मामले की सूचना पुलिस को दी. सूचना पर सदर कोतवाली प्रभारी वेदप्रकाश पांडेय फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस को मिला सुसाइड नोट में लिखा है, "मैं अपनी मर्जी से खुदकुशी कर रही हूं. हम इस दुनिया के लिए बने ही नहीं हैं. हमें कुछ भी नहीं आता-जाता है. हमें लड़की ही नहीं बनना चाहिए था. जानवर बना देता भगवान. ऐसी जिंदगी नहीं जीनी. सब हमसे दुखी हैं. आज से कोई दुखी नहीं होगा. सब खुश रहना. आज से किसी का घर बर्बाद नहीं होगा. हमें माफ कर दें. हम किसी के लायक नहीं है तो क्या करें ऐसी जिंदगी जी कर".