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सेना में फर्रुखाबाद का लाल सूरज बना लेफ्टिनेंट, यूं हुआ स्वागत - Lieutenant Suraj Pratap Singh

फर्रुखाबाद के सूरज प्रताप सिंह ने सेना में लेफ्टिनेंट बन कर जिले का नाम रोशन किया है. इस दौरान उनके घर पर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.

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सूरज प्रताप सिंह

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Published : Jun 16, 2022, 6:33 PM IST

फर्रुखाबाद:जिले को सूरज प्रताप सिंह ने एक बार फिर से गौरवान्वित होने का मौका दिया है. उन्होंने सेना में लेफ्टिनेंट बन मां-बाप के साथ ही पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है. इसके चलते सूरज के परिजनों सहित पूरे इलाके के लोगों में खुशी का माहौल है. बेटा सूरज जब घर आया तो परिजनों ने उनका जोरदार स्वागत किया. साथ ही बधाई देने वालों का तांता लग गया. इस दौरान ईटीवी भारत से लेफ्टिनेंट सूरज ने खास बातचीत की. कहा कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए. उससे उनका विकास तो हाता है. साथ ही उन्हें दुनियादारी की समझ आ जाती है.

लेफ्टिनेंट सूरज प्रताप सिंह ने बताया कि मेरे पिता भी सेना में हैं. बचपन से ही उनको देखता था. मैं भी सोचता था कि मैं भी ऐसा करूंगा. इसके लिए उन्हें जीजान से मेहनत की. वहीं, यूथ को संदेश देते हुए बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ आज के युवाओं को ज्यादा से ज्यादा ट्रेवल करना चाहिए. उससे उनका न केवल विकास होगा. बल्कि बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, क्योंकि इंडिया एक ऐसा कंट्री है, जहां पर हर 20 किलोमीटर पर आपकी लैंग्वेज चेंज हो जाती है. आपका खान-पान, बोलने का तरीका, कल्चर रहने का तरीका आदि बहुत कुछ चेंज हो जाता है.

जानकारी देते हुए लेफ्टिनेंट सूरज प्रताप सिंह

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लेफ्टिनेंट सूरज ने कहा कि आज के दौर में इंटरनेट सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इंटरनेट का सही उपयोग करके लोग अपने भविष्य को उज्वल और बेहतर बना सकेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी इस सफलता में इंटरनेट का महत्वपूर्ण रोल है. बता दें कि सूरज अपने परिजनों के साथ फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद के ईसेपुर में रहते हैं. उनके पिता सुनील सिंह राठौर सेना में सिपाही थे. वर्तमान में आर्मी में कार्यग्रत हैं, जो कि फतेहगढ़ के मोहल्ला पर दुर्गा कॉलोनी में रहते हैं.

सूरज ने प्रारंभिक शिक्षा फतेहगढ़ के आर्मी स्कूल से प्राप्त की. हाई स्कूल 2015 में और इंटरमीडिएट 2017 में पास करने के बाद पहली बार ट्रेनिंग ऑफिसर एकेडमी गया. फिर 2018 में ही सेना में चयनित हो गए और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद लेफ्टिनेंट पद हासिल किया. उन्हें इस समय ई एम ए (इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनियर) विंग में भेजा गया है.

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