फर्रुखाबाद/लखनऊ :रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग से अब वहां के हालात काफी खराब हो रहे हैं. एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गए कई छात्र अभी भी वहां फंसे हैं. वहीं, कई छात्र सुरक्षित अपने घर लौट आए हैं. घर लौटी एक छात्रा के परिजन एक तरफ जहां भावुक हैं, वहीं खुशी का भी इजहार कर रहे हैं. लौटे छात्रों ने केंद्र सरकार से वहां फंसे छात्रों को वापस लाने की अपील की है. वहीं, महोबा, आगरा और महाराजगंज जनपद के कई छात्र यूक्रेन से लौटकर आ गए हैं. इन छात्रों ने etv bharat को अपनी आपबीती सुनाई.
यूक्रेन से लौटी जिले की रहने वाली एमबीबीएस की 5th इयर की छात्रा तान्या राठौर ने etv bharat के माध्यम से अपने दोस्तों को वापस स्वदेश लाने का आग्रह किया. तान्या ने बताया वह 2 दिनों पहले ही वापस लौटी हैं. वहां का माहौल खराब होने के बाद उसके पिता विजय राठौड़ ने उसकी टिकट करा दी थी.
जिले में उसके साथ पढ़ने वाले पांच छात्रों को भी वह जानती है, जो उसके साथ यूनिवर्सिटी में पढ़ते हैं. उसने बताया कि वे 2 लोग वापस आ गए हैं. बाकी तीन छात्र अभी भी वहां फंसे हुए हैं. तान्या ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया कि वहां मेरे जो दोस्त फंसे हैं, उन्हें वापस ले आए. वे लोग यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं. उन्हें जल्द से जल्द भारत लाने का प्रयास करें और सेफ्टी से उनके घर पहुंचाएं.
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तान्या ने बताया की इस समय वहां की स्थिती बहुत ही खराब है. उसने बताया कि उसके सारे दोस्त वहां फंसे हुए हैं. उनको कोई हेल्प नहीं मिल पा रही है. सारी फ्लाइट्स बंद हो चुकी हैं. अगर इंडियन गवर्नमेंट कुछ करेगी तभी कुछ हो सकता है. तान्या ने बताया की वहां की गवर्नमेंट हम लोगों के लिए कुछ नहीं कर रही है. यहां की गवर्नमेंट बोल रही है की अभी हम प्लान कर रहे हैं. बच्चों को बॉर्डर तक खुद जाना पड़ेगा.
वहां से इंडियन गवर्नमेंट के जो प्लेन हैं, उनको मदद देंगे. हालात बहुत ही खराब हैं. बिजली, पानी और जरूरतमंद सामान भी खत्म होते जा रहे हैं. उसने बताया कि फर्रुखाबाद से मेरी जानकारी में 5 लोग थे, जिसमें दो लोग घर वापस आ गए हैं. बाकी तीन लोग अभी भी वहां फंसे हुए हैं.
वहीं, जनपद के सिसवा कस्बे के हनुमानगढ़ी निवासी व्यापारी दिवाकर जायसवाल की पुत्री दिव्या जायसवाल 2018 में यूक्रेन के खारकीव सिटी स्थित खारकीव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए गई थी. वर्तमान में वह एमबीबीएस की चौथे वर्ष की पढ़ाई कर रही थी. यूक्रेन और रूस के बीच तनाव को देखते हुए 23 फरवरी को वह फ्लाइट से भारत के लिए रवाना हो गई थी और गुरुवार को देर रात वह अपने घर सुरक्षित पहुंच गयी.
यूक्रेन से लौटे MBBS छात्रों ने सुनाई आपबीती यूक्रेन से अपने घर पहुंची दिव्या का कहना है कि यूक्रेन की राजधानी कीव से 23 फरवरी की शाम उसकी फ्लाइट थी, जब वहां से रवाना हुई तो वहां का माहौल सब कुछ ठीक था लेकिन जब रात को 2 बजे वह दोहा पहुंची तो कुछ न्यूज आया तो लगा कि ये फेक न्यूज है. वह जब सुबह मुंबई पहुंची तो हर तरफ से न्यूज आने लगी. यूक्रेन में मौजूद उसके दोस्तों ने बताया कि धमाके की आवाज आ रही है. उसके दोस्तों की भी फ्लाइट थी लेकिन युद्ध छिड़ने के बाद सारे एयरपोर्ट बंद कर दिए गए. अभी जो सूचना मिल रही है वहां पर रोड जाम है. ट्रांसपोर्ट सिस्टम बंद है, जिसके कारण उसके कई दोस्त कीव में फंसे हैं.
वहीं, दूसरी ओर बुंदेलखंड के महोबा जनपद के पनवाड़ी क्षेत्र के तीन छात्रों में से दो छात्र तरुण सिंह महान और अंकुश महान सकुशल अपने घर पहुंचे. जबकि, इसी गांव के प्रधान का पुत्र राज द्विवेदी अभी भी यूक्रेन में फंसा है. घरवाले उसकी वापसी को लेकर परेशान हैं. राज मोबाइल पर अपने पिता संजय द्विवेदी, माता अखिलेश और दादा-दादी से बात किया है. राज यूक्रेन की राजधानी में संचालित बोगोमोलेट्स नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी का छात्र है. वह पिछले 5 वर्षों से अध्यनरत है, लेकिन यूक्रेन में बिगड़े हालात के बाद से वतन वापसी की राह देख रहा है.
यूक्रेन से लौटे MBBS छात्र यूक्रेन से लौटे तरुण और अंकुश ने बताया कि उनके सामने ही हालात बिगड़ने लगे थे. ऐसे में तरुण 19 तारीख को वापस आ गया, जबकि अंकुश सरकार की पहली फ्लाइट में 22 तारीख को वापस लौटा है. वह बताता है कि उन्हें इसके लिए उसे महंगा टिकट दिया गया. दोनों छात्र बताते हैं कि अभी भी उनके सहपाठियों से जब बात होती है तो वे बताते हैं कि वहां के हालात सामान्य नहीं है. जगह-जगह बम गिरने की आवाज, बजते सायरन और लोगों में दहशत देखी जा रही है. छात्रों ने सरकार से अपील की कि सरकार वहां तमाम फंसे छात्रों को सकुशल वापस लाने के लिए सार्थक प्रयास करें.
आगरा सेक्टर-6 का रहने वाला छात्र तुषार चौधरी यूक्रेन से वापस अपने घर पहुंचा. उसके आने से घरवालों के चेहरे पर मुस्कान आ गई. तुषार के पिता रणधीर चौधरी ने बताया कि 20 फरवरी को ही उन्होंने अपने बेटे के लिए फ्लाइट की टिकटें करायी थीं. गुरुवार की रात यूक्रेन से लौटे तुषार ने बताया कि वह यूक्रेन की राजधानी में पीआई इंस्टिट्यूट में एमबीए की पढ़ाई करता है. उसने वहां के हालात के बारे में बताते हुए बताया कि पहले तो लोगों को लग रहा था कि यूक्रेन पर हमला नहीं होगा पर जब हमला हुआ तो मेरे साथ के मित्र और शिक्षक वहां बने बंकर में रुके थे. वे लोग रात भर डर के साए में उसी बंकर में रहे. उसने बताया कि उसके दोस्त अभी भी वहीं फंसे हैं.
यूक्रेन से लौटे छात्रों ने सुनाई आपबीती अभी हालही में, 16 अक्टूबर को पढ़ाई के लिए यूक्रेन तुषार गया था. तुषार अपने परिवार का पहला बच्चा था, जो पढ़ाई के लिए विदेश गया था. तुषार के पिता ने बताया कि वह अपने बेटे के लिए 30 तारिख को ही फ्लाइट की दो टिकटें कराई थीं. जिसमें से एक कैंसिल हो गई. एयर इंडिया की फ्लाइट से तुषार वापस लौटा.
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