फर्रुखाबाद : हम आपको जिले के दो सरकारी दफ्तर की तस्वीरें दिखाते हैं. पहली तस्वीर जिले के डीएम साहब के दफ्तर का है. आलीशान दफ्तर. बाहर से भी और अंदर से भी. और अब दूसरी तस्वीर भी आपको दिखाते हैं. यह है फर्रुखाबाद जिले की नगर पालिका परिषद का दफ्तर. बिल्डिंग के नाम पर खंडहर और अंदर जान हथेली पर लेकर काम करते सरकारी मुलाजिम. दोनों तस्वीरों को देखकर यही लगता है कि पद और और हैसियत के हिसाब से दफ्तर की इमारत भी हुआ करती है. वेलकम लिखी यह दीवार हमें मुंह चिढ़ाती लगती है.
क्या करें डर लगता है साहेब. लेकिन, डर के आगे परिवार का सवाल भी है. रोजी-रोटी का सवाल भी है. पेट की खातिर डर को सिर पर बिठाकर रखना पड़ता है फिर रब ही मालिक. दफ्तर के कमरे की छत पर लगा सीमेंट टूट-टूट कर नीचे गिरता है. तब ऐसा लगता है मानो जिंदगी का लम्हा गिर रहा हो. डर और मजबूरी के बोझ तले दबे कर्मचारी यहां काम करने के लिए मजबूर हैं. ये उन वादों की घुट्टी पर ऐतबार कर लेते हैं जो अभी तक पूरे नहीं हुए. इनके इंतजार की इंतहा अभी नहीं हुई...
इस दफ्तर की हालत यह है कि जब बारिश होती है तो बाहर बरसता पानी थम जाता है लेकिन दफ्तर के अंदर बारिश का मौसम बना रहता है.