फर्रुखाबाद :जिले के पांचाल घाट स्थित ग्राम सोताबहादुरपुर में हुई कांग्रेस की किसान महापंचायत में पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद भी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने इशारों ही इशारों में भाजपा पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस किसान आंदोलन के साथ है. साथ ही ये भी कहा कि लाल किले की राष्ट्रप्रतिभा को कलंकित करने वालों के साथ कांग्रेस नहीं है. लेकिन यह बड़ा सवाल है कि अभी तक लाल किले के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई क्यों नहीं की गई.
बीजेपी पर बरसे सलमान खुर्शीद
पूर्व विदेश मंत्री ने पहले सीएए पर कहा कि आसाम के लोगों को सीएए पर आपत्ति है. यह मत समझो वहां ध्रुवीकरण का सवाल नहीं है. आसाम के सीएए के विरोध को धार्मिक ध्रुवीकरण से न जोड़ा जाए. उन्होंने चीन के वापस जाने के सवाल पर कहा कि चाइना आया था जो वापस हो गया. वह बिना आए ही वापस चला गया. यह ये बता दें कि यह आगे गए थे जो वापस आ गए. कौन आगे गया था, कौन पीछे गया यह वह बता दें. यदि अपने अपने स्थान से दोनों पीछे हटे तो कौन पीछे हटा यह कौन आगे आया यह कौन बताएगा.
डोनाल्ड ट्रंप को महंगी पड़ी दोस्ती
सलमान खुर्शीद ने कहा कि इस वर्ष 26 जनवरी को परेड में कोई मेहमान नहीं आया जो आ रहा था वह आ नहीं सका. अब अंतिम समय में किसी से कहेंगे तो कौन आएगा. विदेशी नेताओं से बड़ी दोस्ती की गई. जिसमें सबसे ज्यादा दोस्ती डोनाल्ड ट्रंप से की गई थी. उन्हें दोस्ती महंगी पड़ी और उनकी कुर्सी भी चली गई.
सलमान खुर्शीद ने बीजेपी पर साधा निशाना 'कांग्रेस किसान आंदोलन के साथ है'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पूरी तरह से किसान आंदोलन के साथ है. लेकिन तमाशे के साथ नहीं आंदोलन आंदोलन होता है और तमाशा तमाशा होता है. लाल किले पर एक विशेष सम्मान है. वह राष्ट्रप्रतिभा से जुड़ा है. उस प्रतिभा पर कोई प्रश्न चिन्ह लगाए उसे माफ नहीं किया जा सकता. पुलिस के रहते उपद्रव किया गया लाल किले पर झंडा लगाने का समर्थन किसने किया, सरकार इसका जवाब दे. उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई कब होगी इसकी मांग करते हैं. उनका कहना था कि देश में राष्ट्रवाद और देशभक्ति की परिभाषा बदलने का हो रहा है दिखावा.
देश में राष्ट्रवाद की परिभाषा, भगवान और देशभक्ति की परिभाषा नहीं बदलती, लेकिन कुछ लोग इसको बदलने का दिखावा कर रहे हैं. इस देश में हर धर्म का सम्मान है. कांग्रेस सभी को लेकर साथ चलती है. हमें हर धर्म का सम्मान करना है. देश का कोई व्यक्ति किसी दूसरे धर्म के स्थान पर जाता है. उसे गलत नहीं कहा जा सकता. संगम में लाखों लोग डुबकी लगाते हैं. यह डुबकी हजारों साल पुरानी है. यहां वही संगम है जहां जवाहरलाल नेहरू ने डुबकी ली थी. उसी जगह पर प्रियंका गांधी ने डुबकी ली तो गलत क्या है. उन्होंने कहा कि प्रियंका हमारे आंदोलन को लीड कर रही हैं. सीएम का चेहरा बाद में बनेगा आज वह कांग्रेसियों का मार्गदर्शन कर रही हैं.
बजट में निजीकरण पर गंभीर चर्चा की जरूरत
पूर्व विदेश मंत्री ने कहा कि निजीकरण पर गंभीर चर्चा की जरूरत है. हमने भी निजीकरण किया था लेकिन निजीकरण अंधाधुन नहीं किए. जिस क्षेत्र में सरकारी तंत्र के माध्यम से कार्य करना आसान नहीं था, वहां निजीकरण की बात की सफल इकाइयां हैं. उनका निजीकरण नहीं होना चाहिए. यदि कोई चर्चा करने को तैयार है यदि कोई तैयार हो.