फर्रुखाबाद: जिले में गंगा (Ganga River) के किनारे बसे गांव की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. बाढ़ का पानी (Flood) घरों में घुस गया है. गंगा नदी किनारे बसे गांव में इस कदर लोग परेशान हैं कि वह लोग रात-दिन निगरानी कर रहे हैं. गंगा नदी का जलस्तर (Water level of Ganga) 136.60 मीटर पहुंच गया जो कि चेतावनी निशान है. रामगंगा नदी (Ramganga River) का जलस्तर बढ़कर 135.75 पर पहुंच गया है. नरौरा बांध से गंगा नदी में 51,740 हरिद्वार से 72,912, बिजनौर से 55,503 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. गंगा नदी के चेतावनी बिंदु पर ठहरने से लोग भयभीत हैं.
रामगंगा नदी यदि चेतावनी बिंदु तक पहुंची तो क्षेत्र में भारी तबाही हो सकती है, क्योंकि रामगंगा नदी का फैलाव अधिक नहीं है. पिछले 24 घंटे में रामगंगा नदी के जलस्तर में 25 सेंटीमीटर की बढ़ोत्तरी हुई है. पानी का दबाव इस कदर बढ़ रहा है कि तेजी के साथ कटान हो रहा है और लोगों की जमीन भी देखते ही देखते नदी में समा जा रही है. प्रशासनिक स्तर से मदद न मिलने से पीड़ितों में मायूसी है तो वहीं नरौरा समेत विभिन्न बांधों से पानी छोड़े जाने का सिलसिला जारी है. शमसाबाद तराई क्षेत्र की बात करें तो 20 से अधिक गांव की ओर अभी भी पानी का रुख तेजी के साथ बढ़ रहा है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 15 घंटों से पानी का दबाव कम नहीं हो रहा है. कई संपर्क मार्ग पानी की चपेट में आ गए हैं.
वहीं फिरोजाबाद की खारजा नहर के कटान को 10 दिन का समय बीत चुका है. कटान को रोक भी दिया गया है, लेकिन खेतों में अभी भी बाढ़ जैसे हालात हैं. खेतों में आठ-आठ फीट तक पानी भरा हुआ है. 6 गांव के किसानों की सैकड़ों बीघा फसल पानी में डूबी है. जनप्रतिनिधि और हुक्मरान भी इस इलाके का दौरा कर चुके हैं, लेकिन हालात नहीं बदल सके, हालातों के आगे सरकारी तंत्र भी बेबस नजर आ रहा है.