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फर्रुखाबादः करवाचौथ और दिवाली के लिए तेजी से घूमने लगे कुम्हारों के चाक - दिवाली और करवाचौथ पर मिट्टी के बर्तनों की मांग

यूपी के फर्रुखाबाद जिला में करवाचौथ व दिवाली को देखते हुए कुम्हारों के यहां चाक के पहिये तेजी से घूमने लगे हैं. डिजाइनवाले मिट्टी के करवा (कलश) व दीये की मांग बढ़ने से कुम्हारों में खुशी है. लोग अपने मनमुताबिक डिजाइन बनवाने के लिए भी कुमार के यहां पहुंचकर आर्डर दे रहे हैं.

मिट्टी का बर्तन बनाता कारीगर.
मिट्टी का बर्तन बनाता कारीगर.

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Published : Oct 31, 2020, 2:03 PM IST

फर्रुखाबादःकरवाचौथ और दिवाली त्यौहार को देखते हुए जिले के कुम्हारों ने मिट्टी के बर्तन बनाने तेज कर दिए हैं. जिले के कुम्हार विभिन्न तरह के मिट्टी के दीये और बर्तन बना रहे हैं. माटीकला के कारीगरों को मिट्टी के बर्तनों का आर्डर भी मिलने लगा है. बता दें कि करवाचौथ और दिवाली पर मिट्टी के करवा, दीया और बच्चों के मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ जाती है.

फर्रुखाबाद में करवाचौथ और दिवाली के लिए तेजी से घूमने लगे कुम्हारों के चाक.

करवाचौथ पर करवा के पूजन को भी महत्वपूर्ण माना गया है. तांबा, पीतल के करवा (कलश) के साथ ही मिट्टी का करवा से भी करवाचौथ का पूजन करने की परंपरा है. इसी को लेकर करवा की मांग बढ़ जाती है. करवा और मिट्टी के बर्तनों की बढ़ती मांग को देखते हुए नई बस्ती लाल दरवाजा स्थित कुमार वाली गली में अंगूरी बाग सहित आदि मोहल्लों में कुम्हारों के यहां चाक के पहिए तेजी से घूमने लगे हैं. कुम्हार दीये, करवा व अन्य मिट्टी के बर्तन बनाने में जुट गए हैं. दुकानदार रतनलाल ने बताया कि बाजार में करवाचौथ पर डिजाइनदार करवा की ज्यादा मांग है. जिसको देखते हुए हम लोग भी डिमांड के मुताबिक माल को कुम्हारों से खरीदते हैं और बाजार में बेचते हैं.

मिट्टी का बर्तन बनाता कारीगर.

डिजाइनर करवा और दीयों की काफी मांग
चाक के साथ ही मशीनों से भी डिजाइनदार दीये और करवा तैयार किए जा रहे हैं. नई बस्ती में रहने वाले रामू प्रजापति का कहना है कि मिट्टी के करवा और डिजाइनर दीयों की मांग है. उन्होंने बताया कि करवा और दिये बनाने के बाद उनमें रंग भरते हैं. कई लोग ऐसे भी आ रहे हैं जिन्होंने अपनी डिजाइन के अनुसार करवा बनाने के ऑर्डर दिए हैं. वहीं इसी बस्ती के रहने वाले मनोज कुमार प्रजापति कहते हैं कि दीपावली पर धंधा बढ़ जाता है. इसिलए लगातार मिट्टी के बर्तन बना रहे हैं.

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