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फर्रुखाबाद: ढाई लाख के इनामी बदन सिंह बद्दो की तलाश जारी

यूपी में अपराधियों की धरपकड़ तेज हो गई है. अपराधियों की सूची में सबसे आगे रहे बदन सिंह बद्दो के खिलाफ हत्या व लूट के कई केस दर्ज हैं. एक साल पहले आरोपी बदन बद्दो पुलिस कस्टडी से फरार हो गया था. मामले में संलिप्त 6 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है. वहीं पुलिस अभी भी फरार आरोपी बदन बद्दो की तलाश में जुटी हुई है.

कुख्यात बदन सिंह बद्दो.
कुख्यात बदन सिंह बद्दो.

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Published : Aug 31, 2020, 12:28 AM IST

फर्रुखाबाद: कानपुर में अपराधी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस अब कुख्यात अपराधियों की तलाश करने में जुट गई है. ऐसे ही एक कुख्यात अपराधी बदन सिंह बद्दो की तलाश पुलिस कर रही है. 18 महीने पहले गाजियाबाद कोर्ट में बदन सिंह की पेशी हुई थी, उसके बाद वह फतेहगढ़ पुलिस की कस्टडी से फरार हो गया था. जांच में दोषी पाए गए फर्रुखाबाद पुलिस के छह पुलिसकर्मी बर्खास्त किए जा चुके हैं. तभी से पुलिस और एसटीएफ की टीमें बदन सिंह की तलाश में जुटी हैं.

कुख्यात बदन सिंह बद्दो.

कानपुर में बिकरू कांड के आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ तेज कर दी है. शासन की ओर से प्रदेश के अपराधियों की सूची जारी की गई है, उसमें बदन सिंह बद्दो टॉप पर है. फतेहगढ़ पुलिस की कस्टडी में 28 मार्च 2019 को कुख्यात बदन सिंह बद्दो को गाजियाबाद कोर्ट में पेशी पर लाया गया था.

ढाई लाख का इनामी बदमाश.

पेशी कराने के बाद बद्दो ने साथ आए पुलिसकर्मियों को मेरठ के होटल मुकुट महल में शराब पार्टी दी थी. इस दौरान बद्दो ने पुलिसकर्मियों को शराब में नशीला पदार्थ पिला दिया और वहां से आसानी से फरार हो गया. पुलिस अभी तक आरोपी बद्दो की तलाश नहीं कर पाई है. पुलिस ने पंजाब, मुंबई और दक्षिण भारत में बद्दो की लोकेशन मिलने का दावा किया था.

जानकारी देते पुलिस अधीक्षक.

कौन है कुख्यात बदन सिंह बद्दो ?
मेरठ के टीपीनगर क्षेत्र निवासी बदन सिंह बद्दो के पिता चरण सिंह वर्ष 1970 में जालंधर छोड़कर मेरठ आ गए थे. यहां पर चरण सिंह ने ट्रक ड्राइवर का काम शुरू किया था. इसके बाद वह खुद एक ट्रांसपोर्टर बन गए थे. सात भाइयों में सबसे छोटे बदन सिंह बद्दो अपने पिता के साथ मिलकर ट्रांसपोर्ट का कारोबार देखने लगा. इसी दौरान उसके संबंध इलाके के बदमाशों से हो गए. इसके बाद बद्दो ने शराब के कारोबार में भी हाथ आजमाया.

कई राज्यों में लूट, डकैती व हत्या के केस दर्ज
कुख्यात बदन सिंब बद्दो ने 1996 में एक वकील की हत्या की थी. इसके बाद साल 2011 में उसने मेरठ जिला पंचायत के सदस्य संजय गुर्जर का मर्डर किया. साल 2012 में बद्दो ने एक केबल नेटवर्क के संचालक पवित्र मैत्रे का भी कत्ल किया. कुख्यात बद्दो के खिलाफ यूपी समेत कई राज्यों में लूट, डकैती और हत्या के मामले दर्ज हैं.

यूपी पुलिस ने आरोपी बद्दो पर एक लाख का इनाम घोषित किया तो दिल्ली पुलिस ने भी 50 हजार का इनाम रखा है. बदन बद्दो के खिलाफ अब सरकार ने ढाई लाख का इनाम घोषित कर रखा है, जिसकी पुलिस बीते काफी समय से तलाश कर रही है.

बद्दो को 1996 में हुई थी सजा
मेरठ के अधिवक्ता रविंद्र गुर्जर की साल 1996 में हुई हत्या के मामले में गौतमबुद्धनगर अदालत ने बदन सिंह बद्दो को 26 अक्तूबर 2017 में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बदन सिंह व उसके भाई किशन सिंह के खिलाफ रविंद्र के भाई देवेंद्र सिंह ने केस दर्ज कराया था. वारदात के बाद पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया था.

बाद में दोनों भाइयों को जमानत मिल गई थी. केस की सुनवाई के दौरान किशन की मृत्यु हो गई. पीड़ित पक्ष की याचिका पर हाईकोर्ट ने 2015 में केस मेरठ से गौतमबुद्ध नगर अदालत ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. इसके बाद बद्दो को सजा सुनाई गई. कुछ माह के लिए बद्दो को नोएडा से फर्रुखाबाद जेल स्थानांतरित कर दिया गया था.

बद्दो का लाइफ स्टाइल बिल्कुल अलग
पश्चिमी यूपी के कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो की लाइफ स्टाइल सबसे अलग है. महंगी विदेशी बंदूकें, विदेशी नस्ल के कुत्ते, बुलेटप्रूफ कारों का जत्था, सीसीटीवी समेत आधुनिक सुरक्षा तंत्र, महल जैसा आलीशान घर, लुई विटॉन जैसे महंगे ब्रांड के जूते आदि पसंद हैं.

फर्रुखाबाद इलाके में था नेटवर्क
बताया जाता है कि ढाई लाख के इनामी बदन सिंह का फर्रुखाबाद इलाके में अच्छा-खासा दबदबा और नेटवर्क है. वह फतेहगढ़ जेल में मिलने आने वाले अपने साथियों के साथ मिलकर कई दिनों से भागने की प्लानिंग कर रहा था. इतना ही नहीं उसने जनपद के प्रभावी लोगों पर कानपुर के उर्सला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराने का भी दबाव बनवाया था.

छह पुलिसकर्मी हुए बर्खास्त
कुख्यात गैंगस्टर बदन सिंह बद्दो की पुलिस कस्टडी से फरारी मामले में दारोगा समेत 6 पुलिसकर्मियों को बर्खास्त किया जा चुका है. कानपुर रेंज आईजी मोहित अग्रवाल ने जांच में दोषी पाए जाने पर उपनिरिक्षक देशराज त्यागी को बर्खास्त कर दिया था. इसके बाद 22 अगस्त को सिपाही संतोष कुमार, सुनील कुमार, राजकुमार, ओमवीर और वाहन चालक भूपेंद्र सिंह को बर्खास्त कर दिया गया है.

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