फर्रुखाबाद: जिले में CAA के खिलाफ प्रदर्शन के बाद पुलिस प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. दरअसल नमाज अदा करने के बाद टाउन हॉल तिराहा स्थित मस्जिद के काजी मौलाना शमशाद, मुजफ्फर हुसैन रहमानी ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा था. इसके कुछ ही देर बाद जिले में प्रदर्शन शुरू हो गए. स्थिति पर नियंत्रण करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले के साथ लाठीचार्ज करना पड़ा. उसके बाद जिलाधिकारी और एसपी ने मोर्चा संभाला और शहर में पैदल मार्च किया.
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन. पुलिस नहीं लगा सकी भीड़ का अंदाजा
दरअसल नमाज के बाद बवाल होने की आशंका को लेकर पुलिस प्रशासन पहले से ही अलर्ट था. यह भी अंदेशा था कि टाउन हॉल स्थित मस्जिद के पास बवाल हो सकता है. इसलिए पुलिस फोर्स को तैनात कर दिया गया, लेकिन भीड़ की संख्या का अंदाजा न होने से स्थिति बेकाबू हो गई.
भीड़ में बच्चे थे आगे
चौक-चौराहे में उपद्रवियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी करते हुए वाहनों में आग लगा दी. स्थिति संभालने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यह देखकर साफ लग रहा था कि उपद्रवी भीड़ का हिस्सा बनने की तैयारी के साथ आए थे. हाथों में सीएए और एनआरसी के खिलाफ लिखी तख्तियां लेकर बड़ी संख्या में बच्चों को शामिल किया गया. जिससे पुलिस भीड़ पर कार्रवाई से परहेज करें.
खुफिया विभाग रहा बेखबर
कई जगहों से आ रही प्रदर्शन की खबरों से जिले को हाई अलर्ट कर दिया गया था. खुफिया एजेंसियों को भी सतर्क किया गया था. इसके बावजूद उन्हें जुलूस निकालने की जानकारी नहीं हो सकी. प्रदर्शनकारियों में अधिकांश नाबालिग थे. वहीं खुफिया विभाग पूरी तरह से मामले को समझ ही नहीं पाया.
इसे भी पढ़ें- आजमगढ़ महोत्सवः कवयित्री अनामिका जैन अंबर ने CAA को देश के लिए जरूरी बताया