फर्रुखाबाद: जिले में रोड हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस व वन विभाग से साठगांठ कर लकड़ी ठेकेदार रात दिन हरे पेड़ काट रहे हैं. वहीं, जिम्मेदार जानकर भी अनजान बने हुए हैं. सरकार पर्यावरण को लेकर जितना संजीदा है, उतना ही लकड़ी ठेकेदार हरियाली को नष्ट करने पर आमादा हैं. पुलिस की सह पर सड़कों पर मौत बनकर ट्रैक्टर दौड़ रहे हैं. रविवार को अवैध कटान की लकड़ी ले जा रहा तेज रफ्तार ट्रैक्टर अनियंत्रित होकर पलट गया. इस दौरान ट्रॉली में बैठे 7 मजदूर घायल हो गए, जबकि एक की मौत हो गई.
इसके बाद राहगीरों ने 108 एंबुलेंस को सूचना दी. सूचना के बाद भी समय पर एंबुलेंस नहीं पहुंची. इलाज के आभाव में घायल मजदूर ने तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया. हादसे के घंटों बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने सभी घायलों को सीएचसी अस्पताल भेजा.
अमृतपुर के परमापुर गांव में इन दिनों बगैर परमिट हरे भरे पेड़ों पर आरा चल रहा है. पिछले चार महीने से वन विभाग पर्यावरण संतुलन के लिए पौधरोपण करा रहा है. इसके लिए करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया है. बावजूद इसके आम, महुआ, नीम, शीशम व शागौन जैसे पेड़ों को ठेकेदार काटकर उठा ले जाते हैं.
वहीं क्षेत्र में हो रही हरे वृक्षों की कटान के लिए वन विभाग को पुलिस जिम्मेदार ठहराती है, तो वहीं वन विभाग हमेशा स्टाफ व संसाधनों का रोना रोता है. अमृतपुर थाना क्षेत्र के परमापुर के पास रविवार को फर्रुखाबाद बदायूं मार्ग पर लकड़ी से भरा एक ट्रैक्टरअनियंत्रित होकर पलट गया, जिसमें कई मजदूर घायल हो गए. ग्रामीणों ने बताया कि कालू पुत्र रामविलास (35) की मौत एम्बुलेंस न मिलने से हुई है.